कभी तंगहाली में गुजरा बचपन, पिता थे गार्ड, आज पीएम मोदी भी कहते हैं ‘सर’

जडेजा का बचपन तंगहाली में गुजरा, उनके पिता अनिरुद्ध एक निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे, वो बेटे को आर्मी अफसर बनाना चाहते थे।

New Delhi, Aug 23 : टीम इंडिया के ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा उन चुनिंदा क्रिकेटरों में शामिल हैं, जिन्होने काफी संघर्ष के बाद मुकाम हासिल किया है, जडेजा क्रिकेट फैंस के दिल में खास स्थान रखते हैं, रविन्द्र जडेजा का पूरा नाम रविन्द्र सिंह अनिरुद्ध सिंह जडेजा है, उनका बचपन तंगहाली में बीता है, लेकिन उन्होने जो रुतबा हासिल किया, वो सबके सामने है, देश के प्रधानमंत्री भी उन्हें सर कहकर संबोधित करते हैं।

तंगहाली में गुजरा बचपन
जडेजा का बचपन तंगहाली में गुजरा, उनके पिता अनिरुद्ध एक निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे, वो बेटे को आर्मी अफसर बनाना चाहते थे, लेकिन जड्डू का झुकाव बचपन से ही क्रिकेट की ओर था, उनकी मां लता भी चाहती थी कि बेटा स्टार क्रिकेटर बने। लेकिन पिता की इतनी आमदनी नहीं थी कि वो खुलकर क्रिकेट खेल सके, या इसमें आगे जाने के बारे में सोच भी सके, हालांकि तमाम मुश्किलों के बाद भी उन्होने क्रिकेट खेलना जारी रखा।

घरेलू क्रिकेट में नाम
साल 2002 में पहली बार जड्डू को सौराष्ट्र की ओर से अंडर-14 में चुना गया, जहां उन्होने शानदार प्रदर्शन किया, महाराष्ट्र के खिलाफ उन्होने 87 रन बनाये और 4 विकेट भी लिये, उनके बेहतरीन खेल की वजह से उन्हें अंडर 19 में मौका मिला, जहां उन्होने करियर का पहला शतक लगाया। मां लता का सपना था कि बेटा बड़ा क्रिकेटर बने, लेकिन बेटे को स्टार बनने से पहले ही मां एक दुनिया से चल सकी, तब जड्डू 17 साल के थे, वो मां के गुजर जाने से इतने व्यथित थे कि उन्होने क्रिकेट तक छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन उनकी बड़ी बहन ने उन्हें संभाला और आगे खेलने के लिये प्रेरित किया।

विश्वकप में चयन
दिसंबर 2005 में अंडर 19 विश्वकप के लिये टीम इंडिया में उनका चयन हुआ, उन्होने अपने चयन को सही साबित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 और पाक के खिलाफ 3 विकेट लेकर जबरदस्त परफॉरमेंस दी, साल 2008 के अंडर 19 विश्वकप में जडेजा ने 10 विकेट लेकर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने विश्वकप भी जीता। फिर साल 2009 जडेजा के लिये अपनी मां के सपनों को पूरा करने का साल था, उन्हें टीम इंडिया के लिये खेलने का मौका मिला, फिर 2012 में टेस्ट डेब्यू किया।

सर कहने लगे
जडेजा तेजी से करियर में आगे बढ रहे थे, वो घरेलू क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज हैं, उनके इसी रिकॉर्ड के बाद धोनी उन्हें सर कहकर बुलाने लगे, उनकी बड़ी बहन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जडेजा बहुत शर्मीले हैं, जब धोनी और दूसरे लोग उन्हें सर कहते हैं, तो वो असहज हो जाते हैं। 12 फरवरी 2015 को पीएम मोदी ने भी उन्हें सर कहकर संबोधित किया था, एक ट्वीट में उन्होने लिखा था, सर जडेजा आपका फैन कौन नहीं है।

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