New Delhi, Sep 04 : ऐसा माना जा रहा है कि सितंबर के तीसरे या चौथे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो सकता है, इसके बावजूद अभी तक महागठबंधन में सीटों का सियासी समीकरण फाइनल नहीं हो पाया है, सूत्रों के अनुसार महागठबंधन में राजद के रुख ने छोटी पार्टियों तथा उसके नेताओं को परेशान कर दिया है, खासतौर से परेशानी रालोसपा और मुकेश सहना की पार्टी वीआईपी को हो रही है, दोनों ही पार्टियां जल्द से जल्द सीट बंटवारे की मांग कर रही है, मुकेश सहनी बार-बार बात बन जाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी भी राजद और कांग्रेस ने कुशवाहा और मुकेश सहनी को कोई भरोसा नहीं दिया है।
राजद सबसे बड़ी पार्टी
महागठबंधन के भीतर के समीकरण को देखें, तो सबसे बड़ी पार्टी राजद है, उसके बाद कांग्रेस है, इन दोनों के अलावा कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी है, इसके अलावा वामदलों के साथ भी चुनाव लड़ने पर सहमति बनी हुई है,
90 से 93 सीटों पर बंटवारा
सूत्रों का दावा है कि राजद किसी भी कीमत पर 150 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है, ऐसे में बाकी बचे हुए दलों में बची हुए 90 से 93 सीटों में ही बंटवारा करना होगा, सीट बंटवारे की असल समस्या यही है,
ज्यादा भाव नहीं दे रहे लालू
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव छोटे क्षेत्रीय दलों को ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं दिख रहे, उनका मानना है कि रालोसपा और वीआईपी जैसी छोटी पार्टियों को अगर सीटें दी जाती है, तो कम संख्या होने की वजह से उनके विधायक पाला बदलकर दूसरे खेमे में जा सकते हैं,
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