Categories: सियासत

क्यों मचा है कृषि बिलों पर हंगामा, जानिये क्या है सरकार का पक्ष और विपक्ष की आपत्ति?

आइये आपको बताते हैं कि आखिर तीन बिलों में क्या है और उनके किन पहलुओं पर विपक्षी दलों को आपत्ति है।

New Delhi, Sep 18 : केन्द्र सरकार ने तमाम विरोध के बावजूद कृषि क्षेत्र मे सुधार के लिये 3 बिलों को लोकसभा में पेश कराने के बाद पारित भी करा लिया है, तीनों बिलों को लेकर लोकसभा में जबरदस्त संग्राम मचा, विपक्ष के साथ-साथ एनडीए की सहयोगी अकाली दल ने भी इस पर आपत्ति जाहिर की, हालात इतने बिग़ड़े कि मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपना इस्तीफा दे दिया।

राज्यसभा में बाधा
हालांकि अभी इन तीनों बिल के कानून बनने की राह में सबसे बड़ी बाधा राज्यसभा में खड़ी है, जहां सरकार को सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा, केन्द्र सरकार के लिये बहुमत का जादूई आंकड़ा छू पाना आसान नहीं होगा। आइये आपको बताते हैं कि आखिर तीन बिलों में क्या है और उनके किन पहलुओं पर विपक्षी दलों को आपत्ति है।

कृषक उपज व्यापार व वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, 2020
किसान अपनी उपज के दाम खुद ही तय करने के लिये स्वतंत्र
किसान की फसल सरकारी मंडियों में बेचने की बाध्यता खत्म
किसान अपनी उपज देश में कहीं भी, किसी को भी बेच सकेंगे।
लेन-देन की लागत घटाने को मंडी से बाहर टैक्स नहीं वसूला जाएगा।
खरीददार फसल खरीदते ही किसान को देगा देय राशि समेत डिलीवरी रसीद
खरीददार को 3 दिन के अंदर करना होगा किसान के बकाये का पूरा भुगतान
व्यापारिक प्लेटफॉर्म यानी फसल की ऑनलाइन खरीद फरोख्त भी संभव
एक देश तथा एक बाजार सिस्टम की तरफ बढने के होंगे उपाय
अन्य वैकल्पिक व्यापार चैनलों के माध्यम से भी फसल बेच पाएंगे किसान
व्यापारिक विवाद का तीस दिन के अंदर किया जाएगा निपटारा।

सरकार का दावा
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी तथा मंडी व्यवस्था रहेगी चालू
ढुलाई तथा मंडी शुल्क जैसी लेन-देन की लागत से मिलेगी राहत
अपनी उपज मनचाहे दाम पर बेचने की स्वतंत्रता
किसान तथा खरीददार के सीधे जुड़ने से बिचौलियों पर अंकुश
प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार की कृषि क्षेत्र में सीधे प्रवेश का लाभ
किसान को लाभकारी मूल्य मिलने से उसकी आय में सुधार

विपक्ष की आपत्ति
मंडी व्यवस्था खत्म होने से बाहरी कंपनियों की बढेगी मनमानी
कृषि उद्योग का हो जाएगा कांट्रेक्ट फॉर्मिंग के नाम पर निजीकरण
किसानों के खेतों पर निजी कंपनियो का हो जाएगा अधिकार
छोटे किसानों के लिये नुकसानदेह होगा खेती करना।
कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन तथा कृषि सेवा पर करार बिल 2020 के प्रावधान
फसल बोने से पहले ही किसान तय कीमत पर बेचने का कर पाएंगे अनुबंध
कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किये जाने का किया गया है प्रावधान
कृषि फर्मों, प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं तथा निर्यातकों से किसानों को जोड़ेगा
उच्च प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, पूंजी निवेश के लिये भी निजी क्षेत्र से अनुबंध का मौका
कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी से रिसर्च एवं डेवलपमेंट को बढाएगा।
अनुबंधित किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
फसल स्वास्थ्य की निगरानी, ऋण की सुविधा तथा फसल बीमा की सुविधा भी दिलाएगा।
अनुबंधित किसान को नियमित तथा समय पर भुगतान होने का करेगा संरक्षण
सही लॉजिस्टिक सिस्टम तथा वैश्विक विपणन मानकों पर फसल तैयार करने में मदद।

सरकार का दावा
पारदर्शी तरीके से किसानों को संरक्षण देगा
किसानों के सशक्तिकरण में भी करेगा मदद
किसान का फसल को लेकर जोखिम कम होगा
खरीददार ढूंढने के लिये कहीं नहीं जाना होगा।
विपक्ष की आपत्ति
पश्चिम की तर्ज की व्यवस्था लायक नहीं हमारा सामुदायिक ढांचा
नये कानून से किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएगा
फसल उगाने के तौर तरीकों को लेकर अन्य सब बातों में कंपनियों का होगा हस्तक्षेप
कांट्रेक्ट फॉर्मिंग की कथित वैज्ञानिक खेती से खत्म हो जाएगा पारंपरिक कृषि ज्ञान
आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल 2020 के प्रावधान
अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य, तेल, प्याज तथा आलू आवश्यक वस्तुओं की सूची से होंगे बाहर
कृषि या एग्रो प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निजी निवेशकों को व्यापारिक परिचालन में नियामक हस्तक्षेप से मिलेगा छुटकारा
किसानों के उनके उत्पाद, उत्पाद जमा सीमा, आवाजाही, वितरण तथा आपूर्ति की छूट मिलेगी।
किसान क्षेत्रीय मंडियों के बजाय दूसरे प्रदेशों में ले जाकर फसल बेच सकेंगे, मंडी टैक्स नहीं देने पर बढेगा मुनाफा।
निजी कंपनियों को सीधे किसानों से खरीद की दी जाएगी छूट, कृषि उत्पाद की जमा सीमा पर नहीं होगी रोक।
कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की राह खुलने से आधुनिक खेती का आएगा दौर।

सरकार का दावा
नये प्रावधानों से बाजार में स्पर्धा बढेगी
इससे फसलों की खरीद का दायरा बढेगा
कॉम्पटिशन बढने से किसानों को सही दाम मिलेंगे
किसानों को निजी निवेश और टेक्नोलॉजी भी मिल पाएगी।
विपक्ष की आपत्ति
किसानों को एमएसपी सिस्टम से मिल रहा सुरक्षा कवच कमजोर होगा
खाद्य वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण की व्यवस्था नहीं
बड़े पैमाने पर जमाखोरी को बढावा मिलेगा, महंगाई बढेगी
किसानों के बजाय बिचौलियों को लाभ होगा
संशोधन के बाद कमजोर हो जाएगा कानून, जमाखोर होंगे निरंकुश
बड़ी कंपनियों तथा सुपर बाजारों को ही होगा प्रावधान का लाभ

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago