पूर्व CBI निदेशक अश्वनी कुमार फांसी के फंदे पर लटके मिले, हैरान करने वाला सुसाइड नोट छोड़ा

दुखद खबर, नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीबीआई निदेशक अश्वनी कुमार  ने आत्महत्या कर ली, वो एक सुसाइड लेटर छोड़ गए हैं ।

New Delhi, Oct 08: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से बुधवार देर शाम एक दुखद खबर सामने आई, हिमाचल के डीजीपी रहे आईपीएस अधिकारी अश्वनी कुमार ने छोटा शिमला के ब्रॉक्हॉस्ट एरिया में अपने घर में फांसी लगा ली । घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची । पूर्व अधिकारी की खुदकुशी की खबर सुनते ही डीजीपी संजय कुंडू, आईजी हिमांशु मिश्रा और एसपी मोहित चावला भी तुरंत मौके पर पहुंच गए । कुमार एक सुसाइड नोट छोड़ गए हैं ।

डीजीपी हिमाचल का बयान
मामले में डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि शाम 7:10 बजे उनके बेटे और बहु वॉक पर जा रहे थे, उस समय अश्वनी कुमार घर की छत पर थे । वॉक से जब बेटा-बहू घर लौटे तो उन्होंने घर का दरवाजा खोलने की कोशिश की तो दरवाजा नहीं खुला । मेन डोर अंदर से लॉक था, जब दरवाजा तोड़ा, फिर वो दूसरे कमरे की तरफ चले गए । वो भी लॉक था तो उसे भी तोड़ा और तीसरे कमरे की ओर बढ़े तो देखा कि दरवाजा खुला था और अंदर अश्वनी कुमार रस्सी से लटके हुए थे । उन्‍होंने फांसी लगाने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया गया था । परिजनों ने रस्सी को काट कर उन्हें नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी ।

सुसाइड नोट में लिखा है …
डीजीपी ने बताया कि उन्होंने सुसाइड नोट में इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है । सुसाइड नोट में अश्वनी कुमार ने लिखा है कि अपनी गंभीर बीमारी के चलते वह यह कदम उठा रहे हैं । सब खुश रहें यह कामना की है । सुसाइड नोट में लिखा है- अपनी इच्छा से यह जीवन समाप्त कर अगली यात्रा पर निकल रहे हैं । जब पुलिस ने उनकी पत्नी से बात की तो पता चला कि उन्होंने दोपहर का खाना साथ खाया था । इतना ही नहीं दिन के समय शिमला के मॉल रोड के पास कालीबाड़ी मंदिर भी गए थे, फिर शाम को वॉक पर भी गए थे ।

रोल मॉडल हैं अश्‍वनी कुमार
डीजीपी ने कहा कि अश्वनी कुमार सबके लिए रोल मॉडल हैं, हर ऑफिसर चाहता है कि वो उनकी तरह बन सके । घटना की सूचना मिलते ही कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी पूर्व अधिकारी के घर पहुंचे । चौधरी ने इस घटना को दुखद और प्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया । अश्वनी कुमार हिमाचल मूल के ही हैं, 70 वर्षीय अश्वनी कुमार आईपीएस अधिकारी थे । वो एलीट एसपीजी में विभिन्न पदों पर भी रहे । साल 2006 से 2008 तक वह हिमाचल के डीजीपी रहे, अगस्त 2008 से नवंबर 2010 तक सीबीआई के निदेशक पद पर रहे । मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल भी नियुक्त किया गया था । हालांकि साल 2014 में उन्‍होंने पद से त्यागपत्र दे दिया । यहां से लौटने के बाद वह शिमला में एक निजी यूनिवर्सिटी में प्रो-चांसलर और वाइस चांसलर के पद पर तैनात रहे ।

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