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19 साल की उम्र में घर से भागने वाले अब कर रहे डिप्टी सीएम पद पर दावा, फिल्मी है सेल्समैन से राजनेता…

मुकेश साहनी फिल्मी दुनिया में काम करना चाहते थे, इसलिये 19 साल की उम्र में ही घर से भागकर मुंबई चले गये थे, शुरुआत दिनों में वो सेल्समैन की नौकरी करते थे।

New Delhi, Nov 07 : बिहार में नीतीश कुमार फिर से सत्ता में वापसी का सपना संजोए हैं, लेकिन तीसरे चरण की 78 सीटों पर कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है, इस चरण में जिन सीटों पर सबकी नजर है, उनमें से एक सीट सिमरी बख्तियारपुर भी है, जहां से एनडीए के सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी चुनावी मैदान में हैं, खुद को सन ऑफ मल्लाह कहने वाले सहनी की पार्टी को बीजेपी ने इस चुनाव में अपने कोटे से 11 सीटें दी है, महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी पर हमला करके तथा छुरा घोंपने वाला बयान देकर मुकेश सहनी ने बीजेपी का विश्वास हासिल कर लिया, सहनी को विश्वास है कि मल्लाह और निषाद वोटरों का उन्हें पूरा साथ मिलेगा, इसी वजह से उन्होने चुनाव के लिये ये सीट चुनी है।

बीजेपी के इशारे पर बगावत
मुकेश सहनी पहले महागठबंधन का हिस्सा थे, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी के इशारे पर ही उन्होने प्रेस कांफ्रेंस में बगावत कर दी, वो तेजस्वी को सीएम तो खुद को डिप्टी सीएम का दावेदार घोषित कर चुके थे, प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने कहा था कि तेजस्वी यादव ने मेरे साथ धोखा किया, मेरी पीठ में छुरा भोंका है, 2015 में वो बीजेपी के साथ थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ हो लिये थे।

सेल्समैन से राजनीति तक का सफर
मुकेश साहनी फिल्मी दुनिया में काम करना चाहते थे, इसलिये 19 साल की उम्र में ही घर से भागकर मुंबई चले गये थे, शुरुआत दिनों में वो सेल्समैन की नौकरी करते थे,  कुछ दिनों बाद फिल्मों और टीवी शो तथा सीरियल्स के सेट बनाने के काम करने लगे, उनकी मेहनत रंग लाई और लोग उनके काम को पसंद करने लगे, नितिन देसाई ने उन्हें अपनी फिल्म देवदास का सेट बनाने का काम दिया, मुकेश ने सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई तथा मेहनत के दम पर अच्छा पैसा कमाने लगे।

अचानक शुरु हो गया राजनीतिक सफर
2013 में मुकेश सहनी अचानक राजनीति में रुचि लेने लगे, बिहार में मल्लाह वोट बैंक काफी ज्यादा है, मुकेश ने इसे पहचाना और सन ऑफ मल्लाह बनकर अखाड़े में कूद पड़े, उनके पास पैसा पहले से ही आ गया था और राजनीतिक गलियारों में संपर्क भी अच्छे बन गये थे, इस वजह से राजनीति में एंट्री आसान हो गई, 2019 लोकसभा चुनाव में खगड़िया सीट से चुनाव लड़े, लेकिन मोदी लहर में हार गये, उनकी पार्टी का चुनाव चिन्हा पानी में तैरती नाव है, बिहार में मछुआरे, मल्लाह, निषाद, बिंद और पसमंदा समाज के वोटरों की संख्या करीब 25 फीसदी है, बीजेपी ने इसी को साधने के लिये मुकेश साहनी को अपने साथ लिया है।

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