New Delhi, Nov 29 : बिहार चुनाव के समय नीतीश कुमार पर हमलावर होने वाले तमाम विरोधी दलों के नेताओं के साथ रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी थे, लेकिन जैसे ही चुनाव परिणाम आया और नीतीश कुमार फिर से सीएम बने, तो तेजस्वी यादव ने चुनावी अंदाज में हमला बोलना जारी रखा, जबकि कुशवाहा नीतीश के पक्ष में खुलकर उतर आये हैं, कुशवाहा ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार मेरे बड़े भाई हैं, अगर कोई उन पर इस तरह बोलेगा तो मैं चुप नहीं बैठूंगा, तेजस्वी का बयान बर्दाश्त करने लायक नहीं है, नीतीश कुमार बिहार के सम्मानित नेता हैं और वरिष्ठ हैं, उनके प्रति इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है।
नीतीश के साथ आ सकते हैं
कुशवाहा इतने में ही नहीं रुके, कुशवाहा से जब पूछा गया कि क्या भविष्य में लव-कुश समीकरण फिर से बन सकता है, क्या वो नीतीश के साथ आ सकते हैं,
आखिर इस नरमी की वजह क्या है
चुनाव में जहां जदयू को जबरदस्त झटका लगा है, तो वहीं रालोसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई है, लेकिन कुशवाहा की पार्टी ने कुछ स्थानों पर अच्छे वोट हासिल किये हैं, कई सीट पर परिणाम प्रभावित किया है, खासकर कुशवाहा वोट किसी भी गठबंधन को एकमुश्त नहीं मिल पाया, जिसकी सबसे बड़ी वजह कुशवाहा रहे, नीतीश भी चाहते हैं कि
नरमी का असर दिखा जदयू पर
उपेन्द्र कुशवाहा के नीतीश के प्रति नरमी दिखाने पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि संवैधानिक संस्था में बैठे लोग जब मर्यादा तोड़ते हैं, तो इसका मैसेज ठीक नहीं जाता है, तेजस्वी ने जो कुछ बोला वो सही नहीं है, जो भी राजनीति में अच्छे लोग हैं, वो इसकी निंदा करते हैं, इनमें राजनीतिक शुचिता नहीं है, कुशवाहा ने नीतीश जी के प्रति जो अपने उदगार व्यक्त किये हैं, उसकी हम तारीफ करते हैं।
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