New Delhi, Jan 06 : बिहार की राजनीति में लगातार गरमाहट बरकरार है, बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे देश की निगाह नतीजों पर रही, बेहद नजदीकी परिणामों ने सरकार बनने तक आम मतदाता को भी सांसत में रखा, सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार गठन के बाद लगा कि अब बिहार की राजनीतिक हलचल कुछ कमजोर पड़ जाएगी, सभी अपने रोजमर्रा के काम में लग जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जदयू ने बीजेपी का किया विरोध
बिहार में एनडीए के प्रमुख घटक दल बीजेपी तथा जदयू के बीच चुनाव से पहले तथा चुनाव के बाद अब तक काफी कुछ ऐसा घट चुका है, जिसे एक आम आदमी भी सामान्य नहीं मानता,
हर सवाल का सही मौके पर जवाब
बिहार के सीएम नीतीश कुमार पिछले 15 साल से प्रदेश की राजनीति के केन्द्र में बने हुए हैं, उन्होने तमाम झंझावातों में अपनी स्थिति को कमजोर नहीं होने दिया है,
मांझी के कार्यकाल के दौरान भी घटा था नीतीश का प्रभाव
जीतन राम मांझी के कार्यकाल को छोड़ दें, तो वो 15 साल से प्रदेश के सीएम बने हुए हैं, मांझी को सीएम बनाना भी उन्हीं का निर्णय था, इस दौरान भी सरकार पूरी तरह उनके नियंत्रण में रहे,
सबकुछ भूलने के मूड में नहीं
अरुणाचल में बीजेपी ने जदयू के 7 में से 6 विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया, जदयू ही अरुणाचल में मुख्य विपक्षी पार्टी थी, अब इस प्रदेश में विपक्ष लगभग अस्तित्वहीन हो गया है, जदयू के नेताओं ने बीजेपी के इस कारनामे की सार्वजनिक मंचों से लगातार निंदा की है,
आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…
ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…
अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…
धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…
भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…
मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…
Leave a Comment