Categories: सियासत

केजरीवाल ने बदली रणनीति, अब सदस्य के रिश्तेदारों को भी मिलेगा टिकट!

बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के संविधान में बदलाव से इसे बढने में मजबूती मिलेगी।

New Delhi, Jan 29 : कांग्रेस तथा बीजेपी के राजनीति से उलट अब तक परिवारवाद की राजनीति से दूर चलने का दावा कर रही आम आदमी पार्टी भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है, आप के राष्ट्रीय परिषद ने गुरुवार को मीटिंग में फैसला लिया है कि अब एक ही परिवार के एक से ज्यादा लोगों को पार्टी से टिकट दिया जा सकता है, आप के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि फिलहाल ये छूट मौजूदा समय में पार्टी में शामिल हुए लोगों के लिये ही होगी।

नेशनल काउंसिल बैठक में फैसला
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने दिल्ली के अलावा बाकी प्रदेशों में चुनाव लड़ने के फैसले को मंजूरी दी है, इसके बाद पार्टी यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव लड़ेगी, इसके अलावा पार्टी के सदस्यों को पार्टी नेतृत्व से जुड़े मुद्दों के बारे मं बाहर चर्चा करने से प्रतिबंधित किया गया है।

मनीष सिसोदिया ने क्या कहा
बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के संविधान में बदलाव से इसे बढने में मजबूती मिलेगी, पिछले 9 साल के अनुभव से हमें एहसास हुआ कि कुछ पुराने नियम हमारे लिये दिक्कतें पैदा कर रहे थे, खास कर उन प्रदेशों में जहां पार्टी पहले ही खुद को फैलाने की कोशिश में है, उदाहरण के तौर पर अब तक बूथ-स्तर की इकाईयों को प्राथमिक इकाई कहा जाता था, पर अब जिला स्तर की इकाई को प्राथमिक इकाई कहा जाता है, ऐसे में सांसद-विधायक खुद-ब खुद राष्ट्रीय परिषद और जिस प्रदेश से चुने गये हैं, उसके राज्य परिषद के सदस्य हो जाएंगे। उन्होने आगे कहा, आप के सदस्यों के पास पार्टी का कोई भी मुद्दा, शीर्ष नेतृत्व का व्यवहार आदि से जुड़ी बातें आंतरिक मंच पर उठाने की पूरी आजादी होगी, लेकिन वो अपने विचार मंच के बाहर नहीं रखेंगे, केजरीवाल के आगे भी पार्टी ने राष्ट्रीय संयोजक बने रहने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा, कि वो इस पद पर बने रहेंगे।

केजरीवाल ने भी रखी बात
नेशनल काउंसिल की मीटिंग में दिल्ली सीएम ने भी अपनी बात रखी, उन्होने कहा कि बाकी पार्टियां धर्म के मुद्दे पर वोट मांगती है, हिंदू पार्टियां हिंदूवाद के मसले पर, मुस्लिमों से मुस्लिम पार्टियों को वोट करने के लिये कहा जाता है, इसी तरह ठाकुर और पंडितों की पार्टी के लिये वोट देने को कहा जाता है, ये पार्टियां लोगों को आपस में लड़ाती है, जबकि हम अपने काम के बूते चुनाव लड़ते हैं, शिक्षा और स्कूलों के मुद्दे पर।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago