New Delhi, Feb 10: बीते रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में एकाएक आए सैलाब में कई जिंदगियां लील गईं, क्षेत्र में चल रहे सरकारी प्रोजेक्ट्स को भी भारी नुकसान पहुंचा है । शुरुआत में जहां इसे ग्लेशियर टूटने की घटना माना जा रहा था वहीं अब सैटेलाइट तस्वीरें सामने आने के बाद कोई और ही वजह सामने आ रही है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और IRSS ने चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के पीछे की एक नई वजह का खुलासा किया है ।
सैटेलाइट तस्वीरें
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और IRSS के मुताबिक
बताया गया है कि यहां बर्फ इकट्ठा होने से बहुत सारा पानी भी जम चुका था । 5 फरवरी से 7 फरवरी के बीच सिर्फ 2 दिन के अंदर ही तापमान में लगभग 7-8 डिग्री सेंटीग्रेड की बढ़ोतरी देखी गई, जिसकी वजह से बर्फ से ढकी, पानी से भरी पहाड़ की ये बड़ी चट्टान टूट गई और तीव्र ढाल होने के चलते खाई में इकट्ठा बर्फ और पानी पर तेजी से नीचे की ओर बहन लगा । बहाव इतना तेज था कि खाई में मौजूद बड़ी मात्रा में जमा बर्फ और पानी, बड़े बड़े बोल्डर्स के साथ नीचे के तीव्र ढाल में बहुत अधिक ऊर्जा और वेग के साथ सैलाब की तरह उमड़ गए ।
तपोवन पर टूटा कहर
ढाल और तीव्र गति होने के साथ ही संकरी खाई के कारण सैलाब तेजी से बढ़ता ही चला गया और पहले ऋषि गंगा प्रोजेक्ट और उसके बाद तपोवन प्रोजेक्ट
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