New Delhi, Feb 11 : लद्दाख में भारत तथा चीन के बीच पिछले साल मई से जारी तनाव के बाद अब कुछ नरमी नजर आ रही है, चीन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि सैन्य स्तर के 9वें दौर की बैठक में बनी सहमति के आधार पर पैगोंग त्सो झील के उत्तरी तथा दक्षिणी किनारे से भारत-चीन अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाना शुरु कर दिये हैं, हालांकि भारतीय सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, चीन का पुरानी आदतों से भी भारत सतर्क है और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कोई ढिलाई देने के मूड में नहीं है।
वन चाइना नीति से डरा चीन
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के छोड़े गये इलाके में कब्जा कर माइंड गेम को फिर से बढाएंगे,
भारत ने किया था चीन की नीति का समर्थन
भारत ने चीन की इस नीति का खुले तौर पर समर्थन किया है, भारत इस नीति को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, इस समय ताइवान सीधे तौर पर भारत के साथ व्यापार और राजनयिक संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है,
चीन की दुखती नस को यूं दबा रहा भारत
रिपोर्ट में ये भी लिखा हुआ है कि भारत अब चीन की दुखती नस को दबाने की कोशिश में जुटा हुआ है, इसलिये हाल ही में आईटीबीपी की लद्दाख इकाई का नेतृत्व तिब्बती मूल के एक अधिकारी लहरी दोरजी लहटो को सौंपी गई है,
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