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पीएम मोदी को घेरने के चक्कर में अपनी ही फजीहत करवा बैठे राहुल गांधी, नये बयान से विवाद होना तय!

राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू के दौरान जो कहा, उसका मतलब तो यही है कि इराक में सद्दाम हुसैन और लीबिया में गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे, इसका मतलब ये तो नहीं कि वहां लोकतंत्र था।

New Delhi, Mar 17 : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर तीखा बयान दे रहे हैं, अब उन्होने केन्द्र सरकार के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है, उन्होने इशारों-इशारों में पीएम मोदी की तुलना तानाशाह सद्दाम हुसैन और गद्दाफी से कर दी, भारत को इराक और लीबिया बता दिया।

भारत को बताया इराक और लीबिया
राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू के दौरान जो कहा, उसका मतलब तो यही है कि इराक में सद्दाम हुसैन और लीबिया में गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे, इसका मतलब ये तो नहीं कि वहां लोकतंत्र था, राहुल ने कहा चुनाव सिर्फ ये नहीं है कि लोग गये और वोटिंग मशीन का बटन दबा दिया, कौन सा नैरेटिव गढा जा रहा है, देश के शासन-प्रशासन के सभी तंत्र ठीक के काम कर रहे हैं, या नहीं, न्यायपालिका निष्पक्ष है या नहीं, संसद में किन मुद्दों पर बहस हो रही है, चुनाव का संबंध इन सबसे होता है।

भारत में लोकतंत्र बचा ही नहीं
राहुल गांधी ने आगे कहा, सद्दाम हुसैन और गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे, तब लोग वोट तो डालते थे, लेकिन सच में अपना मत नहीं देते थे, क्योंकि उनके हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने वाली कोई संस्थाय वहां काम नहीं कर रही थी, मुझे लगता है कि भारत को ये तलाश करना चाहिये, कि कहीं ये इस सीमा रेखा से बहुत नीचे तो नहीं चला गया है।

मोदी को हिटलर कह चुकी है कांग्रेस
पूर्व अध्यक्ष का ये ताजा बयान कुछ विदेशी संस्थाओं की ओर से लोकतांत्रिक देश के नजरिये से भारत की रेटिंग कम करने के हवाले से आया है, हालांकि वो बहुत पहले से ही पीएम मोदी उनकी पार्टी बीजेपी और आरएसएस को कोसते रहे हैं, इन सब पर देश में लोकतंत्र की जड़ें हिलाने का आरोप लगाते रहे हैं, कांग्रेस और राहुल गांधी पीएम की तुलना तानाशाह हिटलर जैसी शख्सियत से कर चुके हैं।

अपने बयान पर घिर सकते हैं राहुल
राहुल गांधी ने जिस सद्दाम हुसैन का हवाला दिया है, उनका भारत और खासकर तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से बेहतरीन संबंध थे, कहा जाता है कि 1975 में इंदिरा इराक गईं, तो मेजबान सद्दाम हुसैन ने उनका सूटकेस उठा लिया, कहा ये भी जाता है कि इंदिरा जब रायबरेली से लोकसभा चुनाव हार गई, तो सद्दाम ने उन्हें इराक की राजधानी बगदाद में स्थायी आवास की पेशकश की थी, इतना ही नहीं सद्दाम के नेतृत्व वाली बाथ सोशलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशनों में शामिल हुआ करते थे।

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