वो चार फैसले जिनके चलते सीएम योगी बने दूसरे राज्‍यों में बीजेपी सरकारों के लिए रोल मॉडल

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी की दूसरे राज्‍यों में चल रही सरकारों के लिए भी नजीर पेश की है । उनके कुछ फैसले, अन्‍य राज्‍य सरकारों के लिए रोल मॉडल की तरह हैं ।

New Delhi, Mar 19: उत्तर प्रदेश की सत्ता पर आसीन हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शुक्रवार को चार साल पूरे हो गए हैं । सीएम योगी अपने इस कार्यकाल में विकास कार्यों के साथ-साथ अपने कुछ अहम फैसलों की वजह से बीजेपी शासित तमाम राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बनते जा रहे हैं । यूपी सरकार के उदाहरण दिए जाने लगे हैं बीजेपी की बैठकों में । खासतौर पर कुछ ऐसे सख्‍त आदेश जिनसे अब तक सरकारें बचती रही हैं । आगे पढ़ें कुछ ऐसे ही फैसलों के बारे में जो इन चार सालों में सबसे प्रभावी रहे ।

धर्मांतरण विरोधी कानून
योगी आदित्यनाथ सरकार, जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है । इस कानून को ‘लव जिहाद कानून’ के नाम से जाना जाता है । इस कानून के तहत, अगर ये साबित हो जाता है कि विवाह धर्म परिवर्तन की मंशा से किया गया है तो दोषी को 10 साल तक की सजा होगी । कानून में जबरन, लालच देकर या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने को भी गैर जमानतीय अपराध माना गया है । वहीं तोहफा, पैसा, मुफ्त शिक्षा, रोजगार या बेहतर सुख-सुविधा का लालच देकर भी धर्म परिवर्तन कराना अपराध की श्रेणी में आएगा ।

 गोहत्या विरोधी कानून
योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा अहम कानून रहा गोवध निवारण कानून । योगी आदित्‍यनाथ ने यूपी की सत्ता पर काबिज होते ही सबसे पहले गोहत्या की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए थे । इस कानून के तहत गोहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और गोवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर पौने दो साल की सजा का प्रावधान है । इस कानून के साथ ही यूपी में तमाम अवैध स्लॉटर हाउस भी बंद कर दिए गए हैं । यूपी सरकार के इस कानून का देश के दूसरे राज्यों में बीजेपी की रैली में जाकर प्रचार-प्रसार भी करते हैं ।

प्रदर्शनकारियों से हर्जाना वसूली
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता कानून के विरोध-प्रदर्शन के समय इसका सख्ती से निपटान किया था । विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली की गई थी, इतना ही नहीं उनके पोस्टर भी चौराहों पर चस्पा किए गए थे । योगी सरकार के इस कानून का नाम है, लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021। इसके तहत 5000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना भरने का प्रावधान रखा है ।

शहरों के नाम बदलना
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कई शहरों के नाम बदले, जिनमें इलाहाबाद को बदलकर प्रयागराज कर दिया गया और फैजाबाद जिला का नाम अयोध्या किया गया। आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रख दिया गया । यूपी सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी कई शहरों का नाम बदलने की मांग उठ रही है, वहीं कई और राज्‍य भी इस पर काम कर रहे हैं ।

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