New Delhi, Apr 15 : योगगुरु स्वामी रामदेव ने जून 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में स्वदेशी तथा काला धन के मुद्दे पर अनशन किया था, उनका आंदोलन तमाम वजहों से चर्चा में रहा, खासकर आधी रात को पुलिसिया कार्रवाई और उसके बाद स्वामी रामदेव द्वारा वेष बदलकर आंदोलन स्थल से निकलने का प्रयास, हालांकि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था, इस आंदोलन का हिस्सा रहे तमाम लोगों ने बीजेपी नेता और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी भी शामिल थे, हालांकि तब उनका सियासत से वैसा वास्ता नहीं था।
चारों ओर धुंआ था, पुलिस चला रही थी डंडे
4 जून 2011 की उस रात मनोज तिवारी को भी दिल्ली पुलिस के डंडे झेलने पड़े थे, बाद में एक दोस्त की मदद से मनोज तिवारी बमुश्किल वहां से बाहर निकल पाये थे, और सीधे एयरपोर्ट पहुंचे थे,
पजामा-गंजी में भागने लगे मनोज तिवारी
उन्होने आगे बताया, इसी बीच मंच पर एक गोला फटा, मैं तेजी से गेट की ओर भागा, मैं पजामा और गंजी में ही था, कुर्ता पहनने का समय नहीं मिला, इस बीच पुलिस ने मुझे पीछे से एक डंडा मारा, मैं पीछे मुड़ा कि
गुजरात पहुंच आचार्य बालकृष्ण को फोन
मनोज तिवारी के अनुसार उस दिन गुजरात की फ्लाइट में यही चर्चा थी कि दिल्ली पुलिस ने बाबा रामदेव को मारकर उनकी लाश गायब कर दी, गुजरात पहुंचने के बाद मैंने आचार्य बालकृष्अण को फोन मिलाया,
कांग्रेस नेता ने दी थी धमकी
मनोज तिवारी के मुताबिक उसी दिन उनके पास कांग्रेस के एक बड़े नेता का फोन आया था, और लगभग धमकी भरे अंदाज में कहा था, तुम्हें आंदोलन में जाने का बहुत शौक है,
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