New Delhi, Apr 26 : रविवार को खेले गये आरसीबी और सीएसके के बीच मुकाबले में रविन्द्र जडेजा ने एक ओवर में 37 रन ठोक दिये, इसके साथ ही उन्होने गेंदबाजी और फील्डिंग में भी कमाल किया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा हो रही है, जडेजा उन चंद क्रिकेटर्स में शामिल हैं, जिन्होने काफी संघर्षों के बाद ये मुकाम हासिल किया है, उनका पूरा नाम रविन्द्र सिंह अनिरुद्ध सिंह जडेजा है, उनका बचपन तंगहाली में गुजरा, लेकिन आज उन्होने वो रुतबा हासिल कर लिया है, जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उन्हें सर कहकर संबोधित करते हैं।
तंगहाली में बीता बचपन
रविन्द्र जडेजा का बचपन तंगहाली में गुजरा, उनके पिता एक निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे, वो बेटे को आर्मी अफसर बनाना चाहते थे, लेकिन जड्डू का झुकाव क्रिकेट की ओर था, और उनकी मां लता भी चाहती थी कि
मां का सपना
जडेजा की मां का सपना था कि बेटा बड़ा क्रिकेटर बने, लेकिन वो बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनते देख नहीं पाई, साल 2005 में एक एक्सीडेंट में उनका निधन हो गया। मां के अचानक गुजर जाने से 17 वर्षीय जडेजा इतने बिखर गये कि उन्होने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया, लेकिन उनकी बड़ी बहन ने उन्हें संभाला और आगे खेलने को तैयार किया।
टीम इंडिया में मौका
2009 में जडेजा के लिये अपनी मां के सपनों को पूरा करने का साल था, इसी साल उन्हें टीम इंडिया की ओर से पहले वनडे फिर टी-20 खेलने का मौका मिला, 2012 में उन्होने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया।
पीएम ने कहा सर
12 फरवरी 2015 को पीएम मोदी ने भी उन्हें सर कहकर संबोधित किया था, एक ट्वीट के जरिये मोदी ने कहा था कि सर जडेजा आपका फैन कौन नहीं है, जडेजा को पढने लिखने का भी शौक था,
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