Categories: सियासत

नीतीश का विरोध कर रहे तेजस्वी में क्यों नहीं दिख रहा पप्पू यादव जैसा दम, Inside Story

तेजस्वी का ट्रैक रिकॉर्ड तो यही कहता है, कि जब भी कोई ऐसी आपदा आती है, जो मीडिया की सुर्खियां बनती है, उस समय वो अकसर गायब ही रहते हैं।

New Delhi, May 18 : कोरोना का संक्रमण बिहार के गांव-गांव में फैल रहा है, लगातार हो रही मौतों से त्राहिमाम की स्थिति है, प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये अपने स्तर पर जुटी हुई है, पटना हाईकोर्ट लगातार बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों को नाकाफी बताते हुए कटघरे में खड़ी कर रही है, वहीं इस महामारी के बीच एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को गद्दी छोड़ने तक की चुनौती दे दी है, तेजस्वी ने कहा कि हम विपक्ष की भूमिका को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं, नीतीश जी से अब प्रदेश नहीं संभल रहा है, तो सत्ता छोड़ें, इसके बाद हम आपको बताते हैं कि इस समय सरकार कैसे चलाई जाती है, तेजस्वी के इस हमले के बाद बिहार के सियासी गलियारों में ये सवाल उठने लगा है कि तेजस्वी विपक्ष में क्या अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

ट्रैक रिकॉर्ड
तेजस्वी का ट्रैक रिकॉर्ड तो यही कहता है, कि जब भी कोई ऐसी आपदा आती है, जो मीडिया की सुर्खियां बनती है, उस समय वो अकसर गायब ही रहते हैं, ऐसे बहुत से मौके रहे, जब तेजस्वी की भूमिका जनता के बीच दिखनी चाहिये थी, लेकिन वो नहीं दिखे, एक बार फिर जब पूरा बिहार कोरोना के कहर को झेल रहा है, विपक्ष सीन से ही गायब है, हां, सोशल मीडिया के जरिये जरुर कुछ चुहलबाजी चल रही है, लेकिन इस कोरोना संकट के बीच उनकी गैरमौजूदगी लोगों को काफी खल रही है।

33 दिनों तक गायब रहे तेजस्वी
तेजस्वी ना सिर्फ राजद विधायक दल के नेता हैं, बल्कि कांग्रेस तथा वामदलों का भी बिहार में नेतृत्व कर रहे हैं, कोरोना काल के बीच तेजस्वी का इस तरह से गायब रहना महागठबंधन के नेताओं को भी काफी खल रहा है, लोग इसकी तुलना मई 2019 के उस प्रकरण से करने लगे हैं, जब लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद तेजस्वी 33 दिन गायब रहे थे, तो पार्टी ने उनका ये कहते हुए बचाव किया था कि वो इलाज करवाने दिल्ली में गये थे।

तेजस्वी की ये बात लोगों को नागवार गुजरी
जुलाई 2019 में बिहार प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था, 12 जिलों में बाढ का जबरदस्त प्रकोप था, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित थे, बाढ के कारण सरकारी आंकड़ों में 77 लोगों की मौत हो चुकी थी, गैर सरकारी आंकड़े इससे भी ज्यादा थे, लोग पलायन को मजबूर थे, लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गायब थे, लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद तेजस्वी का गायब होना लोगों को काफी नागवार गुजरा था। इसके दो महीने बाद सितंबर 2019 में हुई भारी बारिश के चलते पटना में जल-जमाव हो गया था, राजधानी का बड़ा हिस्सा एक हफ्ते से ज्यादा समय तक डूबा रहा, जाप संयोजक पप्पू यादव पटना में लोगों की मदद करते रहे, उस समय तेजस्वी बिहार से बाहर थे, सवाल तब भी उठे थे, और तेजस्वी कटघरे में खड़े किये गये थे, हालांकि इस मौके पर भी राजद और महागठबंधन के नेताओं ने उनका बचाव किया था। इसके अलावा चमकी से 144 बच्चों की मौत हुई, फिर किसान आंदोलन में भी तेजस्वी का दम नहीं दिखा।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago