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पंजाब कांग्रेस में बड़ा उलटफेर, सिद्धू के खिलाफ कैप्टन ने तैयार किया चक्रव्यूह, बाजवा का भी साथ

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दूसरी पार्टी में रह चुके नवजोत सिंह सिद्धू को इतनी तरजीह देना ठीक नहीं है, सिद्धू को लेकर आलाकमान के मन में सॉफ्ट कॉर्नर को देखते हुए कैप्टन के साथ दूसरे गुट भी आ गये हैं।

New Delhi, Jun 18 : पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू तथा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रही सियासी लड़ाई अब नया मोड़ ले चुकी है, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू के खिलाफ विरोधी गुट कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आ गया है। दरअसल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा जरुरत से ज्यादा तरजीह देने को लेकर पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रताप सिंह बाजवा और अन्य कुछ वरिष्ठ विधायक नाराज हैं, इन नेताओं का मानना है कि पंजाब में कांग्रेस को खड़ा करने के पीछे पुराने कांग्रेसियों का हाथ है, जबकि सिद्धू कुछ समय पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं, सिद्धू को रोकने के लिये कैप्टन और बाजवा एक साथ एक मंच पर आने को तैयार हैं।

ज्यादा तरजीह ठीक नहीं
सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दूसरी पार्टी में रह चुके नवजोत सिंह सिद्धू को इतनी तरजीह देना ठीक नहीं है, सिद्धू को लेकर आलाकमान के मन में सॉफ्ट कॉर्नर को देखते हुए कैप्टन के साथ दूसरे गुट भी आ गये हैं, प्रताप सिंह बाजवा और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाथ मिलाया है, माना जा रहा है कि सिद्धू को पंजाब में हावी होने से रोकने के लिये धुर विरोधी दोनों नेता एक मंच पर आने के लिये तैयार हैं।

सिद्धू को रोकने की कोशिश
आलाकमान को सिद्धू को पंजाब कांग्रेस में या फिर सरकार में बड़ी जिम्मेदारी देने से रोकने के लिये पुराने नेताओं का आपस में गठबंधन हो रहा है, धुर-विरोधी कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की कमान पुराने कांग्रेसियों के हाथ में ही होनी चाहिये, इसी फॉर्मूले के तहत तमाम नाराज विधायकों को कैप्टन अमरिंदर सिंह एकजुट रखने की कोशिश कर रहे हैं।

पंजाब कांग्रेस में दो फाड़
पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस में दो फाड़ नजर आ रही थी, सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कई महीनों से बयानबाजी भी चलती रही है, जिसमें दोनों एक-दूसरे के खिलाफ निशाना साधते रहे हैं, पिछले दिनों केन्द्रीय आलाकमान ने दोनों के बीच दखल देते हुए सभी विधायकों और मंत्रियों को दिल्ली बुलाया था, इसके बाद सभी नेताओं ने आलाकमान द्वारा गठित पैनल के सामने मुलाकात की थी, मुलाकात करने वालों में सिद्धू और कैप्टन भी शामिल थे, इसी के बाद माना जा रहा था कि सिद्धू की नाराजगी को दूर करने के लिये आलाकमान कोई अहम फैसला कर सकते हैं। आपको बता दें कि पंजाब में अगले साल कई अन्य राज्यों के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं, अभी राज्य में कांग्रेस की सरकार है, जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम हैं, वहीं अन्य दलों ने भी चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है, पिछले दिनों मायावती की बसपा के साथ शिरोमणि अकाली दल ने गठबंधन का ऐलान किया था, बसपा प्रदेश में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि अकाली दल 97 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

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