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मशीन गन, मोर्टार, किले में तब्दील पंजशीर घाटी, तालिबान से निपटने के लिये 9 हजार जवान तैनात

अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में जमे ये जवान सैनिक की वर्दी में हैं, तथा अमेरिका निर्मित हंवी में बैठकर पूरे इलाके में गश्त मार रहे हैं।

New Delhi, Aug 25 : अफगानिस्तान में प्रतिरोध का केन्द्र बन चुके पंजशीर घाटी को तालिबानियों के चंगुल से बचाने के लिये अहमद मसूद के बेटे के नेतृत्व में 9000 विद्रोहियों ने मोर्चा संभाल लिया है, पंजशीर घाटी की पहाड़ी चोटियों पर मसूद के जवानों ने हैवी मशीन गन तैनात कर रखे है, जिससे तालिबानियों का शिकार किया जा रहा है, इसके अलावा मोर्टार और निगरानी चौकी भी बनाई गई है, ये सभी जवान नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट का हिस्सा हैं, जो अफगानिस्तान में तालिबानराज का विरोध करने में सबसे आगे है।

सैनिक की वर्दी में जवान
अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में जमे ये जवान सैनिक की वर्दी में हैं, तथा अमेरिका निर्मित हंवी में बैठकर पूरे इलाके में गश्त मार रहे हैं, उनके साथ मशीनगन से लैस गाड़ियां भी चल रही है, इन जवानों के पास असॉल्ट राइफल, रॉकेट से दागे जाने वाले ग्रेनेड और संपर्क करने के लिये वॉकी-टॉकी सेट है, पंजशीर की बर्फ से ढंकी चोटियों के बीच ये जवान राजधानी काबुल से सिर्फ 80 किमी दूर तालिबान से मोर्चा ले रहे हैं।

घाटी में घुसने का रास्ता बहुत ही संकरा
एक पंजशीरी योद्धा ने बताया हम तालिबानियों का चेहरा जमीन में रगड़ने जा रहे हैं, इसके बाद उनके अन्य साथी अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगते हैं, रणनीतिक रुप से बेहद खास इस घाटी में मूल रुप से ताजिक के लोग रहते हैं, अत्यधिक ऊंची-ऊंची पहाड़ियों की वजह से ये घाटी पंजशीर के जवानों को प्राकृतिक सुरक्षा मुहैया कराती है, साथ ही इस घाटी में घुसने का रास्ता बहुत ही संकरा है। इन पंजशीर के योद्धाओं के नेता और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने पिछले हफ्ते वॉशिंगटन पोस्ट में लिखा था, अगर तालिबान हम पर हमला करते हैं, तो उन्हें हमारी ओर से करारा जवाब मिलेगा, अहमद शाह मसूद की अगुवाई में पंजशीरी योद्धाओं ने सोवियत संघ और तालिबान को करार जवाब दिया था, जिससे वो इस घाटी पर कभी फतह हासिल नहीं कर पाये।

लड़ाकूओं को भेजा
तालिबान ने ऐलान किया है कि उसने पंजशीर पर कब्जे के लिये हजारों की तादात में लड़ाकूओं को भेजा है, हालांकि अभी दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत का दौर जारी है, मसूद ने कहा कि वो तालिबान के साथ युद्ध और बातचीत करने के लिये तैयार हैं, पंजशीर के विद्रोहियों में 9 हजार जवान शामिल हैं। जो स्थानीय मिलिशिया और अफगान सेना के पूर्व जवान हैं, यहीं पर पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी डटे हुए हैं।

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