New Delhi, Sep 08 : आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिये बिछ रहे चौसर पर क्या हाथी ने चाल बदल दी है, दरअसल बसपा सुप्रीमो मायावती के बयानों से तो यही लगता है, बसपा मुख्यालय में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोलते हुए उन्होने कई बड़ी बातें कहीं, उन्होने कहा कि जब 5वीं बार प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी, तो उस कार्यकाल में महापुरुषों की शहर-शहर मूर्तियां नहीं लगाई जाएंगी, बल्कि विकास कार्यों पर फोकस किया जाएगा, मायावती के इस बयान को बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, बसपा अध्यक्ष की आखिर कौन सी रणनीति इसके पीछे काम कर रही है, इसके कई कारण देखे जा रहे हैं।
पीछे की मंशा
मायावती ने इसके पीछे की मंशा पर पहला कारण मंच से बताने के संकेत दिये, उन्होने कहा मेरी 4 बार की सरकार में थोक के भाव में दलित चिंतकों और महापुरुषों के नाम पर पार्क, स्मारक, संग्रहालय और मूर्तियां लगा दी गई है,
दूसरा कारण
दूसरा बड़ा कारण ये है कि मायावती शायद ये नहीं चाह रही हो कि चुनाव से ठीक पहले पार्कों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की याद लोगों के जेहन में कौंध जाए, इन्हीं स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप मायावती सरकार पर लगा था,
दलित समाज में चेतना लाने का काम
तीसरी बड़ी वजह दलितों में राजनीतिक चेतना का एक स्तर तक पहुंचना माना जा सकता है, मायावती सरकार में आने से पहले दलित समाज में वैसी राजनीतिक चेतना नहीं थी, जितनी अब दिखाई देती है, तब उसके पास अपनी गौरव गाथा बहुत कम थी,
आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…
ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…
अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…
धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…
भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…
मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…
Leave a Comment