Agni-5: भारत की महामिसाइल… रेंज में आधी दुनिया, चीन-PAK का सुनते ही छूटा पसीना

अग्नि 5 भारत की वो महामिसाइल है जिसने आने से पहले ही आधी दुनिया को थर्रा दिया है, खास तौर पर चीन और पाकिस्‍तान की तो हवाईयां छूट गई हैं ।

New Delhi, Sep 23: भारत की महामिसाइल अग्नि 5 ने पड़ोसी देशों की नींद उड़ा दी है, खास तौर पर पाकिस्‍तान और चीन के तो होश फाख्‍ता हैं । परमाणु शक्ति संपन्न अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 को लेकर चीन की नाराजगीये है कि इस मिसाइल की रेंज में उसका पूरा देश आ रहा है । चीन का ऐसा कोई शहर नहीं जो इस मिसाइल के हमले से बच सके । इसी वजह से इसे मिसाइल नहीं महामिसाइल कहा जा रहा है ।

मिसाइल की खूबियां
Agni-V ICBM को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया है । इस महामिसाइल की रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर बताई जा रही है । इसकी रेंज पर सारा विवाद है, कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन समेत कई देशों का मानना है कि भारत सरकार इस मिसाइल की सही रेंज का खुलासा नहीं कर रही है । दरअसल चीन और कई देशों को यह डर सता रहा है कि कहीं इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल तो नहीं आ रहा है ।

अग्नि 5, दुश्‍मन को छोड़ेगी नहीं
अग्नि-5 का वजन 50 हजार किलोग्राम है, यह 17.5 मीटर लंबी है । इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है । इसमें 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगाया जा सकता है । मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं, मिसाइल की रफ्तार ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है । यानी ये मिसाइल एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है । मिसाइल में इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है।

साल 2007 में बनी थी अग्नि-5 की रूपरेखा
Agni-V ICBM  अपने निशाने पर सटीकता से हमला करती है, 10 से 80 मीटर का अंतर संभव है । लेकिन ये घातक होता है । मिसाइल लॉन्‍च करने के लिए जमीन पर चलने वाले मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है, मिसाइल को ट्रक पर लोड करके सड़क मार्ग से किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है।  मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने पहली बार साल 2007 में योजना बनाई थी । ये मिसाइल अगर भारत की ओर से दागी जाती है तो इसकी रेंज में पूरा एशिया, यूरोप, अफ्रीका के कुछ हिस्से तक आ सकते हैं । मिसाइल की एक और खास बात है इसकी MIRV तकनीक, यानी इस तकनीक में मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड में एक हथियार के बजाय कई हथियार लगाए जा सकते हैं ।

2012 में पहला परीक्षण
Agni-V ICBM का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था, इसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को भी सफल परीक्षण हुए हैं । यानी 7 बार मिसाइल के सफल परीक्षण हो चुके हैं । मिसाइल को कई मानकों पर जांचा गया है । इस मिसाइल के परीक्षण की बात सुनकर चीन और पाकिस्तान में खौफ है तो वहीं इंग्लैंड और अमेरिका ने भारत की तारीफ की है ।

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