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नहीं होने देंगे गलवान सी घटना, LAC के चप्पे-चप्पे पर भारी बंदूकें, तोप और लड़ाकू विमान की तैनाती

सेना की ओर से हाई टेक बंदूकें, बोफोर्स,रॉकेट सिस्टम और एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तक एलएसी पर तैनात कर दिए हैं। वहीं एम-777 होवित्जर को चिनूक हेलीकॉप्टरों के जरिए एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर तक एयरलिफ्ट किए जाने की भी खबरें हैं ।

New Delhi, Sep 28: क्‍या लद्दाख की सीमा पर फिर से चीन की घुसपैठ होने वाली हैं, क्‍या फिर से दुश्‍मन गलवान जैसी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है । ये वाल इसलिए क्‍योंकि भारत ने ऐसे किसी भी कदम का मुंहतोड़ जवाब देने की तैरूारी पूरी कर ली है । तमाम वार्ताओं और आश्वासन के बावजूद एलएसी के आसपास चीन की सैन्य गतिविधियां जारी हैं। इतिहास गवाह है कि अपनी बातों से पीछे हटना ड्रैगन के लिए कोई नई बात नहीं है । ऐसे में भारत की सेना एकदम तैरूार है मुश्‍तैद है ।

एलएसी का चप्‍पा-चप्‍पा सुरक्षित
चीन की धोखेबाजी से वाकिफ हो चुका भारत किसी भी लापरवाही के मूड में नहीं, जिस तरह पिछले साल गलवान घाटी में हिंसा हुई अब ऐसे कोई हाल ना बने इसके लिए सेना ने कम कस ली है । जानकारी के अनुसार  एलएसी के दुर्गम इलाकों में भारत ने हथियार, तोपों, रॉकेट सिस्टम आदि को पहुंचाना शुरू कर दिया है ताकि भारतीय सेना हर समय युद्ध के लिए तैयार रहे। टीओआई की एक रिपोर्ट के मुातबिक चीनी  सैनिकों के पीछे हटने की संभावना न के बराबर होने के बाद भारत ने इस इलाके में सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं ।

भयंकर हथियारों की तैनात
सेना की ओर से हाई टेक बंदूकें, बोफोर्स,रॉकेट सिस्टम और एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तक एलएसी पर तैनात कर दिए हैं। वहीं एम-777 होवित्जर को चिनूक हेलीकॉप्टरों के जरिए एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर तक एयरलिफ्ट किए जाने की भी खबरें हैं । बताया जा रहा है कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा बनाई गई सड़कों की वजह से भारी आर्टिलरी बंदूकों को भी इन इलाकों में ले जाने में मदद मिली है । चीन से सटे फॉरवर्ड इलाकों तक जैसे-जैसे और सड़कें बनती जाएंगी भारत के लिए भारी हथियारों को अन्य पोस्ट तक पहुंचाना भी आसान होता जाएगा ।

एलएसी पर सक्रिय है चीन
सेना के सूत्रों क ओर से खबर आ रही है कि चीनी सेना पीछे हटने को तैयार नहीं है वहीं एलएसी के पास वो अपना बुनियादी ढांचा खड़ा कर रही है । भारत की इस गतिविधि पर निगाहें बनी हुई हैं । सेना के सूत्रों की ओर से कहा गया है कि पिछले साल चीनी कार्रवाई के बाद भारत की प्रतिक्रिया, खासकर गलवान में खूनी टकराव ने पड़ोसी देश को हैरान कर दिया। ऐसे में अब वो और तैयारी कर रहा है । लेकिन भारत भी तैयार है । बताया गया है कि भारत पूर्वी लद्दाख और करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के साथ लगे अन्य क्षेत्रों में सुरंगों, पुलों की सड़कों तथा अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है।

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