New Delhi, Oct 13 : लोग बिजली बचाने के लिये तरह-तरह की तरकीब अपनाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक रोचक तथ्य के बारे में बताते हैं, हम सभी के घरों में पंखे होते हैं, हम अपनी आवश्यकता के मुताबिक उसकी स्पीड कम या अधिक करते हैं, लेकिन क्या पंखे की रफ्तार तेज या धीमी करने से उसकी बिजली खपत पर कोई असर पड़ता है। आज हम इसी सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं।
स्पीड कंट्रोल
घरों में सीलिंग के साथ टेबल और पैडस्टल फैंस होते हैं, सीलिंग फैन की स्पीड रेग्युलेटर से कंट्रोल किया जाता है, वहीं टेबल और पैडस्टल फैंस में इनबिल्ट स्पीड कंट्रोलर लगे होते हैं, यहां सवाल ये है कि अगर आप स्पीड कम करते हैं, तो क्या ये पंखे कम बिजली खपत करते हैं, या फिर स्पीड बढाने पर ये ज्यादा बिजली खपत करते हैं। इस सवाल का जवाब जानने से पहले इन तथ्यों को जानिये, दरअसल कुछ साल पहले तक हमारे घरों में इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब हर जगह इलेक्ट्रिक रेग्युलेटर का इस्तेमाल किया जाता है, पहले जो इलेक्ट्रिक रेग्युलेटर इस्तेमाल किये जाते थे, वो सस्ते होते थे, ऐसे रेग्युलेटर एक प्रतिरोधक के तौर पर काम करते थे, ये रेग्युलेटर पंखे को सप्लाई किये जाने वाले वोल्टेज को घटाकर उसकी स्पीड कम करते थे, इस तरह पंखे में तो बिजली की खपत कम होती थी, लेकिन रेग्युलेटर जो एक प्रतिरोधक के तौर पर काम करता था, उसमें उतनी ही बिजली आती थी, इस तरह पुराने रेग्युलेटर के साथ पंखे की स्पीड कम करने से बिजली की बचत पर कोई खास असर नहीं पड़ता था।
इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर
दूसरी ओर इन दिनों इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर के बारे में बात करते हैं, इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर का रिजल्ट काफी अच्छा है, अगर आप अपने घरों में इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर का इस्तेमाल करते हैं, तो निश्चित तौर पर आपके बिजली बिल पर असर पड़ेगा, इन इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर के जरिये आप अपने पंखे की टॉप स्पीड तथा निम्न स्पीड के बीच 30 से 40 फीसदी तक बिजली बचा सकते हैं, यानी इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर वाले पंखे की स्पीड कम या ज्यादा करने के हिसाब से बिजली की खपत करते हैं। दरअसल जिन घरों में आज भी पुराने इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें तुरंत इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर से बदल देना चाहिये, दरअसल पुराने इलेक्ट्रिकल रेग्युलेटर में जो रेसिस्टर यानी प्रतिरोधक लगे होते हैं, वो बिजली की बर्बादी करते हैं, ये रेसिस्टर पंखे में वोल्टेज की आपूर्ति कम कर उसकी स्पीड बढा देते हैं, लेकिन इनके स्त्रोत से बिजली लेने की मात्रा में कोई बदलाव नहीं होता है, इसमें रेसिस्टर यानी पंखे की स्पीड कम या ज्यादा करने के लिये बिजली की खपत से कोई संबंध नहीं होता है।
ऊर्जा खपत पंखे की पैटर्न से तय होता है
नये इलेक्ट्रॉनिक रेग्युलेटर में ऊर्जा खपत का पैटर्न पंखे की स्पीड से तय होता है, इसके साथ आप जितनी स्पीड से पंखा चलाएंगे, वो उतनी ज्यादा बिजली खपत करेगा, इसी तरह कम स्पीड से पंखा चलाने पर वो कम बिजली की खपत करेगा। आपके लिये ये जानना जरुरी है कि 1 दिन में एक पंखा कितनी बिजली की खपत करता है, इन दिनों बाजार में 60 के पंखे चल रहे हैं, यानी एक 60 वाट का पंखा एक दिन में 18 घंटे चलता है, तो ये 1080 वाट बिजली की खपत करता है, इस तरह ये एक दिन में एक यूनिट से थोड़ी ज्यादा बिजली की खपत करता है, वैसे ये एक पंखे की बात हो रही है। लेकिन मिडिल क्लास फैमिली में औसतन 4 पंखे होते हैं, अगर सभी को ध्यान से चलाया जाए, तो महीने में 10 से 15 यूनिट बिजली बचाई जा सकती है।
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