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प्रियंका गांधी तोड़ने जा रही है गांधी-नेहरु परिवार की परंपरा, अब सबसे बड़े दांव की तैयारी

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि चुनाव से बहुत पहले कांग्रेस की पहली सूची जारी करने के कई मकसद है, उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा अपनी निर्वाचन क्षेत्र में काम कर सकें, इसके अलावा विधानसभा क्षेत्रों में नामों को लेकर पहले से ही स्पष्टता हो।

New Delhi, Oct 22 : यूपी विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट, फिर लड़कियों को स्मार्ट फोन और इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी देने की प्रियंका गांधी की घोषणा के बाद अब कांग्रेस पार्टी तीसरा दांव खेलने की तैयारी में लगी है, कांग्रेस यूपी में उम्मीदवारों की पहली सूची इसी महीने के अंत तक जारी कर देगी। कांग्रेस केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक शनिवार यानी 23 अक्टूबर को शाम 6 बजे दिल्ली में होगी, कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में 40 से 50 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई जाएगी।

नाम तैयार
कांग्रेस ने कई आधार पर पहली सूची के उम्मीदवारों के नाम तैयार कर लिये हैं, पहला आधार मौजूदा विधायक है, दूसरा आधार पिछले विधानसभा चुनाव में जिन्होने हार के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया, तीसरा आधार कांग्रेस ने एक आंतरिक सर्वे कराया था, जिसमें कुछ सीटों पर कांग्रेस के प्रदर्शन की संभावना बेहतर बताई गई है।

क्या है मकसद
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि चुनाव से बहुत पहले कांग्रेस की पहली सूची जारी करने के कई मकसद है, उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा अपनी निर्वाचन क्षेत्र में काम कर सकें, इसके अलावा विधानसभा क्षेत्रों में नामों को लेकर पहले से ही स्पष्टता हो, आपको बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, तब कांग्रेस पार्टी 105 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन सिर्फ 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, कांग्रेस को सिर्फ 6.25 फीसदी वोट मिला था।

प्रियंका भी चुनावी मैदान में
अब कहा जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस को जिंदा करने के लिये प्रियंका गांधी परिवार की परंपरा को तोड़ सकती है, दरअसल आज तक कोई भी गांधी-नेहरु परिवार का सदस्य विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है, कहा जा रहा है कि प्रियंका इस बार अमेठी या फिर पूर्वांचल की किसी सीट से चुनावी ताल ठोक सकती है, हालांकि ये उनकी रणनीति पर निर्भर करेगा, लेकिन जिस तरह से प्रियंका एक्टिव नजर आ रही हैं, उससे बीजेपी से ज्यादा अखिलेश और मायावती परेशान हैं, क्योंकि एंटी बीजेपी वोटों का बंटवारा होगा, साथ ही कांग्रेस का मूल वोट बैंक मुसलमान उनके पास वापस लौट सकते हैं, जो फिलहाल सपा के वोटर माने जाते हैं।

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