ट्रांसजेंडर मंजम्मा जोगती को पद्म श्री पुरस्कार, लोगों ने उठाए सवाल तो कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब

इस बार मिले पद्मश्री सम्‍मान में कई नाम चौंकाने वाले थे । एक ऐसा ही नाम है एक ट्रांसजेंडर का । जिन्‍हें लेकर उठ रहे सवालों का जवाब कंगना रनौत ने दिया है ।

New Delhi, Nov 10: कर्नाटक की ट्रांसजेंडर फोक डांसर मंजम्मा जोगाती को मंगलवार के दिन पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया । मंजम्मा ऐसी पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिन्हें पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया । उन्‍हें सम्‍मान मिलने के फौरन बाद ही उनकी सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई । तारीफ करने वालों की तो कमी नहीं थी लेकिन सवाल उठाने वाले भी कम नहीं थे । एक ट्रांसजेंडर को पद्मश्री मिलना जैसे लोगों से हजम ही नहीं हो रहा । बहरहाल अब इस मामले में एक्‍ट्रेस कंगना रनौत ने करारा जवाब दिया है ।

कंगना ने दिया करारा जवाब
मंजम्मा पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्‍हें देश का चौथा सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान मिला है । उन्‍हें सम्‍मानित किए जाने से कई सोशल मीडिया यूजर्स नाराज नजर आए । नेटिजन्‍स दावा कर रहे हैं कि सरकार LGBTQ समुदाय के सदस्यों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रही है । जिसके बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्‍टोरी पर ऐसे लोगों को करारा जवाब दिया है । कंगना ने लिखा कि नेशनलिस्जम जेंडर और धर्म नहीं दिखता है । यह किसी की अपनी अखंडता और चरित्र के बारे में है ।

कौन हैं मंजम्‍मा जोगती ?
चलिए अब आपको बताते हैं मंजम्‍मा कौन हैं और वो कैसे इस मुकाम तक पहुंची हैं । कर्नाटक के बेल्लारी जिले में कल्लुकंब गांव में 50 के दशक में मंजूनाथ शेट्टी का जन्म हुआ था । बचपन से ही उनके हावभाव लड़कियों जैसे थे, वो डांस करना पसंद करती थीं । उनकी इन हरकतों को देख परिवार ने उन्‍हें ठीक करने की केाशिश की । उन पर देवी आ गई ऐसा मानकर भाई ने खंभे से बांधकर पीटा । डॉक्टर और फिर पुजारी सबके पास गए । लेकिन जब उन्‍हें यकीन हो गया कि उसके अंदर टा्रंसजेंडर वाले गुण है तो वो उन्‍हें मां हुलीगेयम्मा मंदिर ले गए। यहां जोगप्पा बनाने की दीक्षा दी जाती है। जोगप्पा या जोगती, यानी वह ट्रांस पर्सन जो खुद को देवी येलम्मा से विवाहित मानते हैं। दीक्षा के लिए मंजूनाथ को स्‍वीकारा गया, यहीं से उन्‍हें नया नाम मिला मंजम्मा जोगती।

खुदकुशी करने की कोशिश की थी
एक मीडिया नेटवर्क से बात करते हुए मंजम्मा बताती हैं कि दीक्षा लेने के बाद मैं मंजूनाथ से मंजम्मा जोगती बन गई। घर का बेटा मंजूनाथ अब खत्म हो चुका था। उनकी मां को बेटा खोने का दर्द था, वो रोती और तड़पती थीं ।उनकी बातें और तानें सुन एक दिन उसने जहर खा लिया । लेकिन वो बच गईं । इसके बाद उन्‍होंने घर छोड़ दिया । कई दिन तक भीख मांगकर गुजारा किया । उनका गैंग रेप तक हुआ । उन्‍हें फिर से आत्‍महत्‍या का ख्‍याल आया, लेकिन फिर एक दिन सड़क पर जोगती नृत्य करते एक बाप-बेटे को देखकर उन्होंने ये फैसला बदल दिया। मंजम्‍मा उसी शख्‍स की शरण में चली गई और इस नृत्‍य कला को सीखने लगी । इस पारंपरिक लोक नृत्य की उन्‍होंने ऐसी ख्‍याति फैलाई कि वो आज देश के सर्वोच्‍च पुरुस्‍कार से सम्‍मानित की गई हैं ।

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