New Delhi, Nov 12 : राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में दावा किया है कि फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में क्षेत्रीय दलों को जो चंदा मिला, उनमें 55 फीसदी से ज्यादा का स्त्रोत अज्ञात है, रिपोर्ट के अनुसार अज्ञात स्त्रोतों से करीब 95 फीसदी चंदे के लिये इलेक्टोरल बांड का योगदान था, हालांकि अधिकांश इलेक्टोरल बांड में भी लोग अपनी पहचान नहीं बताते।
कितना मिला चंदा
रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में 25 क्षेत्रीय दलों को कुल 803.24 करोड़ रुपये चंदा मिला था, जबकि 445.7 करोड़ रुपये मिलने के सोर्स की कोई जानकारी नहीं है,
दक्षिण भारत की पार्टी
खास बात ये है कि अज्ञात स्त्रोतों से सबसे ज्यादा आय वाले क्षेत्रीय दलों की सूची में दक्षिण भारत की पार्टियां जिसमें टीआरएस, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके और जद(एस) सबसे ऊपर है,
मूल दाता कौन
एडीआर ने कहा कि राजनीतिक दलों की आय का एक बहुत बड़ा हिस्सा देने वाले मूल दाता को ट्रैक नहीं किया जा सकता, ऐसे में राजनीतिक दलों को दान देने वालों का पूरा विवरण आरटीआई के तहत सार्वजनिक जांच के लिये उपलब्ध कराया जाना चाहिये। वहीं बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग को दिये गये विवरण के अनुसार पार्टी ने इस साल असम, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में हुए चुनावों में 252 करोड़ रुपये खर्च किये, जिसमें से 151.18 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार में खर्च किये गये, वहीं टीएमसी की ओर से कहा गया, कि उनकी तरफ से पश्चिम बंगाल चुनाव में 154.28 करोड़ रुपये खर्च किये गये।
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