मंकीपॉक्‍स की चपेट में 74 देश, जानें क्‍या है ये बीमारी, लक्षण-बचाव और इलाज

देश और दुनिया में इस वक्‍त मंकीपॉक्‍स बीमारी का खतरा मंडरा रहा है । कोरोना के बीच मंकीपॉक्‍स ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं ।

New Delhi, Aug 03: कई देशों को अपनी चपेट में लेने के बाद अब इसके मामले भारत में बढ़ रहे हैं । डॉक्‍टर्स के मुताबिक मंकीपॉक्स भी ऑर्थोपॉक्सवायरस फैमिली से है जो चेचक यानी कि चिकनपॉक्‍स की तरह दिखाई देता है। इस में वैरियोला वायरस भी शामिल है। यह एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से होती है ।

जानवरों में मंकीपॉक्स सबसे पहली बार साल 1958 में दिखाई दी थी, तब ये बंदरों में देखी गई थी ।  साल 1970 में पहली बार इंसान में मंकीपॉक्स पाया गया जो कि कॉन्गो के एक बच्चे को हुआ था । साल 1980 में चेचक उन्मूलन के बाद मंकीपॉक्‍स गंभीर समस्या बनकर उभरा है ।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
सीडीसी यानी Centers for Disease Control and Prevention की मानें तो मंकीपॉक्स से पीड़ित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने, संक्रमित जानवर के काटने, छूने आदि कारणों से मंकीपॉक्स फैलता है । खासकर, चूहों, गिलहरियों और बंदरों के जरिए यह अधिक फैलता है। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के आसपास रखी चीजों को छूने से भी मंकीपॉक्स का खतरा रहता है। इसके साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी मंकीपॉक्स हो जाता है ।

मंकीपॉक्स के लक्षण
इसके सामान्‍य लक्षणों में है-
-बुखार
-सिर दर्द
-मांसपेशियों में दर्द
-पीठ दर्द
ठंड लगना
-थकावट
-त्वचा का फटना
-शरीर में रैशेज
-गला खराब होना
-बार-बार खांसी आना
-सुस्ती आना
-खुजली की समस्या
-सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)

मंकीपॉक्स से बचाव कैसे करें
इस संक्रामक बीमारी से बचाव का तरीका है, सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्स का पालन ।
अगर आप मंकीपॉक्स से पीड़ित हैं, तो चेचक का टीका यानी वैक्सीन जरूर लगवाएं।
संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं। मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को साबुन और साफ पानी से धोएं। इसके अलावा, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। अपने साथ सैनिटाइजर जरूर रखें।
घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें। मंकीपॉक्‍स से बचाव में ये कारगर है ।

कब तक ठीक होता है मरीज
मंकीपॉक्स के लक्षणों में चेहरे, हथेलियों, तलवों, आंखों, मुंह, गले, जांघ और जननांग आदि पर दाने-रैशेज-छाले होना भी शामिल है, जो कि आमतौर पर 2 से 3 हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं । जब तक मंकीपॉक्स के मरीज के सभी छाले या दाने सूख नहीं जाते, तबतक वह संक्रमण फैला सकता है ।
मंकीपॉक्स का इलाज
अभी तक, मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है। ऐसा होने पर चेचक का टीका लगवाया जा रहा है । डॉक्टर के संपर्क में बने रहें । भारत समेत दुनिया में इसके उपचार के लिए शोध जारी है ।

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