New Delhi, Aug 05 : इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 21 साल पुराने केस में वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह को सशर्त जमानत दे दी है, पूर्वांचल के बाहुबली तथा पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह गुरुवार शाम को 14 साल बाद जेल से बाहर निकले, बृजेश पर मऊ के तत्कालीन विधायक तथा बाहुबली मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला करने का आरोरप है, मुख्तार अंसारी इन दिनों बांदा जेल में बंद हैं, बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी की कहानी फिल्म से कम नहीं है, ऐसे दुश्मनी जिसने पूरे पूर्वांचल को हिला कर रख दिया, कई लोगों की जानें गई, आइये आपको बताते हैं कि दोनों की दोस्ती कैसे दुश्मनी में बदल गई।
यहां से शुरुआत
दोनों के लड़ाई की शुरुआत साल 1991 में हुई, तब वाराणसी के पिंडरा से विधायक अजय राय के भाई अवधेश की मौत की खबर सुनकर बृजेश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया,
क्या है उसर चट्टी कांड
बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी में अदावत बढ चुकी थी, 1996 में मुख्तार पहली बार विधायक बने, तो उनका रुतबा बढ चुका था, गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के उसर चट्टी इलाके में तत्कालीन मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने मिलकर जानलेवा हमला कर दिया,
राजनीति में बढा दखल
पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बीते विधान परिषद चुनाव में वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में जीती है, वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह की पत्नी को चुनाव जिताने में सफलता हासिल की,
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