New Delhi, Sep 20 : पितृपक्ष के बाद शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है, 25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है, 26 सितंबर को अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी, शारदीय नवरात्र मां दुर्गा को समर्पित है, 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है, ऐसी मान्यता है कि ये 9 दिन मां दुर्गा धरती पर भ्रमण करती है, इन दिनों मां की सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-उपासना करने से मां की कृपा मिलती है।
कलश स्थापना
शारदीय नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, हिंदू धर्म में किसी भी पूजा अनुष्ठान से पहले कलश स्थापना का खास महत्व बताया गया है, हर शुभ कार्य को शुभ समय में करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है,
नवरात्र प्रतिपदा तिथि
शारदीय नवरात्र की शुरुआत 26 सितंबर 2022 से हो रही है, इस दिन तिथि का आरंभ सुबह 3.23 बजे से होगा, जो 27 सितंबर 2022 प्रातः 3.08 बजे तक है।
कलश स्थापना का शुभ मुर्हूत 2022
घटस्थापना मुर्हूत- सुबह 6.11 बजे से सुबह 7.51 बजे तक
अवधि- 1.40 घंटा
घटस्थापना अभिजीत मुर्हूत- सुबह 11.48 बजे से दोपहर 12.36 बजे तक, अभिजीत मुर्हूत की कुल अवधि 48 मिनट है।
कलश स्थापना कैसे करें नवरात्र में
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना से पहले घर की उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करें, फिर यहां मां की चौकी लगाएं, लाल रंग के कपड़े बिछाएं, मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें, पूजा शुरु करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें,
(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)
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