शनिश्चरी अमावस्या पर जरुर करें ये काम, शनि दोष से मिलेगा छुटकारा

माघ महीने में मौनी अमावस्या पर शनिवार होने से इसका महत्व और ज्यादा बढ गया है, शनि ने हाल ही में 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर किया है, जिससे कुछ राशि के जातक साढेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्त हो गये हैं।

New Delhi, Jan 20 : हिंदू मास में पंद्रहवी तिथि को अमावस्या तिथि मनाई जाती है, साल की पहली अमावस्या 21 जनवरी शनिवार के दिन पड़ रही है, सनातन धर्म में शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, इस दिन कुछ खास उपाय करने से शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है, माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

अमावस्या का खास महत्व
माघ महीने में मौनी अमावस्या पर शनिवार होने से इसका महत्व और ज्यादा बढ गया है, शनि ने हाल ही में 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर किया है, जिससे कुछ राशि के जातक साढेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्त हो गये हैं, वहीं कुछ राशि के जातकों पर साढेसाती और ढैय्या का प्रकोप शुरु हो गया है, ऐसे में जो जातक शनि के प्रकोप से गुजर रहे हैं, वो शनि अमावस्या के दिन कुछ उपाय करके साढेसाती और ढैय्या के प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी।

शनि के प्रकोप से बचने के उपाय
रत्न ज्योतिष में शनि के रत्न नीलम के बारे में बताया गया है, अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की दशा खराब है, या साढेसाती चल रही है, तो ऐसे में व्यक्ति को नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है, ऐसे में शनि के गोचर से अगर आपके ऊपर भी साढेसाती और ढैय्या का प्रकोप चल रहा है, तो शनि अमावस्या के दिन ज्योतिष की सलाह से नीलम धारण कर सकते हैं, शनिश्चरी अमावस्या इसके लिये बेहद खास दिन है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें, कि नीलम बिना ज्योतिषी सलाह के ना धारण करें।
अगर किसी जातक पर साढेसाती और ढैय्या की महादशा चल रही है, तो शनिश्चरी अमावस्या के दिन लोहे के बर्तन में सरसों का तेल भर दें, उस बर्तन में अपना चेहरा देखें, इसके बाद उस तेल का दान किसी जरुरतमंद को कर दें, ऐसे करने से व्यक्ति पर शनि के प्रभावों को कम किया जा सकता है।

इतना ही नहीं शनि के प्रकोप से बचने के लिये एक रोटी पर सरसों तेल लगाकर इसे काले कुत्ते को खिला दें, शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनि देव खुश होते हैं, व्यक्ति से महादशा का प्रभाव कम होता है।
शनिवार के दिन शनि के प्रभाव को कम करने के लिये वैसे तो शनि स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है, मान्यता है कि शनि अमावस्या के दिन शनि स्त्रोत का 11 बार पाठ करने से शनि दोष दूर होता है।

(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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