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भगवंत मान के साथ उद्धव ठाकरे से क्यों मिलने पहुंचे केजरीवाल?, जानिये इनसाइड स्टोरी

अरविंद केजरीवाल तथा उद्धव ठाकरे मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कुछ समय पहले ही चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना को पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष तथा तीर आवंटित कर दिया है।

New Delhi, Mar 02 : दिल्ली के सीएम तथा आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल तथा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पिछले हफ्ते मुंबई में मातोश्री में मुलाकात हुई, दोनों की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में अलग समीकरण के कयास लगने शुरु हो गये हैं, केजरीवाल के साथ उद्धव ठाकरे से मिलने भगवंत मान भी पहुंचे थे, जो पंजाब के सीएम हैं, इसके अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह तथा राघव चड्ढा भी थे, जो एक तरीके से पार्टी के तेज-तर्रार चेहरे माने जाते हैं, इससे तमाम सियासी पंडित चौंक गये हैं।

केजरीवाल-ठाकरे मुलाकात
अरविंद केजरीवाल तथा उद्धव ठाकरे मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कुछ समय पहले ही चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना को पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष तथा तीर आवंटित कर दिया है, दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल भी मनीष सिसोदिया मामले को लेकर घिरे हुए हैं।

अचानक उद्धव से क्यों मिले केजरीवाल
शिवसेना के बेहद करीबी सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल का अचानक मातोश्री जाना यूं ही नहीं था, बल्कि एक तरीके से समर्थन जैसा था, जो कि वो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव के साथ खड़े हैं, सूत्र बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल मुंबई में उद्धव से मिलकर दिल्ली दरबार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि जिस तरह से केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो ठीक नहीं है।

क्या बीएमसी चुनाव साथ लड़ेंगे उद्धव-केजरीवाल
उद्धव ठाकरे तथा केजरीवाल की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सियासी पारा उफान मार रहा है, इसकी वजह ये भी है कि केजरीवाल और ठाकरे के बीच कभी कोई नजदीकी नहीं थी, ना तो दोनों साथ नजर आये थे, कयास लगाये जा रहे हैं कि बीएमसी चुनाव में आप और उद्धव की अगुवाई वाली शिवसेना एक साथ उतर सकते हैं, हालांकि अभी तक आप यही कह रही है कि वो अकेले बीएमसी की सभी 227 सीटों पर लड़ेगी। मुलाकात के बाद केजरीवाल, ठाकरे और भगवंत मान ने एक साथ मीडिया को संबोधित किया, तब केजरीवाल से इस मसले पर भी सवाल पूछा गया, तो उन्होने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर बात की, जो देश के लिये गंभीर विषय है, जब चुनाव आएंगे तो देखेंगे।

दिल्ली की तरह आसान नहीं बीएमसी चुनाव
हालांकि आप के कब्जे वाली दिल्ली की एमसीडी की तरह बीएमसी चुनाव इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि वहां बीजेपी, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी, राज ठाकरे की मनसे, आरपीआई जैसी कई पार्टियां और दावेदार हैं।

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