पापमोचिनी एकादशी- मनचाही खुशियां पाने के लिये आज जरुर करें ये काम, शनिदेव और विष्णु बरसाएंगे कृपा

शनिवार के दिन शनिदेव को खुश करने के लिये बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं, साथ ही काले कुत्ते को मीठी रोटी पर तेल लगाकर खाने को दें, या उसे भोजन कराएं।

New Delhi, Mar 18 : हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत का खास महत्व बताया गया है, कहते है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से भक्तों के जीवन से कष्ट दूर होते हैं, चैत्र महीने में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस बार पापमोचनी एकादशी 18 मार्च शनिवार के दिन पड़ रही है। ज्योतिष के मुताबिक इस दिन श्री हरि के पूजन के साथ-साथ शनिदेव को खुश करने के लिये कुछ ज्योतिष उपायों को अपनाया जा सकता है, मान्यता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में विराजमान है, तो आज 18 मार्च पापमोचनी एकादशी के दिन इन उपायों को करने से उन्हें राहत मिलेगी।

पापमोचनी एकादशी के दिन जरुर करें ये उपाय
ज्योतिष के मुताबिक शनिवार के दिन शनिदेव को खुश करने के लिये बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं, साथ ही काले कुत्ते को मीठी रोटी पर तेल लगाकर खाने को दें, या उसे भोजन कराएं।
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि अशुभ दशा में चल रहे हैं, तो शनिवार की एकादशी के दिन मांस-शराब का सेवन ना करें।
इसके साथ ही शनिवार के दिन काला धागा लेकर उसे माला बनाकर गले में पहन लें, इससे लाभ होगा।
ज्योतिष के मुताबिक पापमोचनी एकादशी के दिन शमी के पौधे के पास आटे का दीपक जलाएं और इस दौरान दीपक में कपूर और हल्दी डाल दें।

शनिवार के दिन सूर्योदय से पूर्व पीपल के पेड़ पर कच्चा दूध अर्पित करें, सरसों के तेल का दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अगर कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है, तो शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिये शनिवार के दिनवव काली गाय की सेवा करें, गौ माता को रोटी खिलाएं।
पापमोचनी एकादशी के दिन श्री हरि के खास मंत्र, शनि के मंत्र तथा शनि स्त्रोत का पाठ करने से खास लाभ होता है।
अगर आप शनि की साढेसाती से परेशान हैं, तो शनिवार के दिन पड़ने वाली एकादशी को अंधेरा होने के बाद पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करें, सरसों के तेल का दीया जलाएं, अगरबत्ती जलाएं, वहीं बैठकर हनुमान चालीसा, शनि चालीसा का पाठ करें, इसके बाद पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा लगाएं, घर आ जाएं।

शनि के दिन कांसे के कटोरे में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें, छाया दान करें
पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह मीठा दूध पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित करें, तेल का दीपक जलाकर उसे पश्चिम की ओर बत्ती करके रख दें।
इस दिन मंत्र- ऊं शं श्नैश्चाय नमः का जाप करें, साथ ही मंत्र पढते समय हर परिक्रमा पर 1-1 दाना मीठी नुक्ति चढाएं, ऐसा आपको कम से कम 11 परिक्रमा करनी है, इसके बाद शनि देव से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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