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आखिर क्या है मोदी सरनेम वाला 4 साल पुराना केस, जिसमें राहुल गांधी को हुई सजा, जानिये मामला

किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी माध्यम से किसी के मान-सम्मान तथा उसकी ख्याति को ठेस पहुंचाया या हानि पहुंचाने को मानहानि कहा जाता है, हालांकि किसी व्यक्ति के बारे में अगर सच्ची टिप्पणी की गई हो, तो उसे मानहानि नहीं माना जाता है।

New Delhi, Mar 23 : मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट के फैसले का सभी को आज इंतजार था, कांग्रेस के साथ पूरे देश की नजर इस मामले पर थी, कोर्ट ने मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया, 2 साल की सजा सुनाई, लेकिन ठीक इसके बाद कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, मामले में पिछले 4 साल से राहुल गांधी पर मानहानि का केस चल रहा था, आपको बता दें कि उन पर आपराधिक मानहानि का मामला चल रहा था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानहानि के मामले कितने तरह के होते हैं, क्या होता है, जब इन मामलों में केस दर्ज होता है।

क्या है मामला
आइये सबसे पहले जानते हैं कि राहुल गांधी जिस मामले में दोषी करार दिये गये हैं वो आखिर क्या था, वायनाड सांसद राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव में एक कथित टिप्पणी की थी, उन्होने रैली में भाषण के दौरान कथित रुप से कहा था क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है, इसी टिप्पणी के बाद बीजेपी विधायक तथा गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था, उन्होने राहुल पर आरोप लगाया था कि उन्होने अपनी टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है।

क्या होता है मानहानि
किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी माध्यम से किसी के मान-सम्मान तथा उसकी ख्याति को ठेस पहुंचाया या हानि पहुंचाने को मानहानि कहा जाता है, हालांकि किसी व्यक्ति के बारे में अगर सच्ची टिप्पणी की गई हो, तो उसे मानहानि नहीं माना जाता है, साथ ही यदि टिप्पणी सार्वजनिक हित में की गई हो, तो वो मानहानि की कैटेगरी में नहीं आती है, भारत में मानहानि को लेकर कानून बनाये गये हैं, लाइव लॉ के मुताबिक आईपीसी की धारा 499 से 502 तक मानहानि के कानून के विषय में प्रावधान किया गया है।

आपराधिक तथा दीवानी मानहानि में अंतर
मानहानि 2 तरह की होती है, एक सिविल (दीवानी) और दूसरा आपराधिक (क्रिमिनल), सिविल मानहानि के मामले में दोषी शख्स को आर्थिक दंड मुआवजा देना पड़ता है, जबकि आपराधिक मानहानि के लिये जेल की सजा का भी प्रावधान है, राहुल गांधी आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी पाये गये हैं, हालांकि आपराधिक मामले में सांसद के सदस्यता जाने का भी खतरा होता है। दोषी शख्स की सजा अगर ऊपरी कोर्ट सस्पेंड ना करे, तो दोषी शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता, कई बार कोर्ट सजा सस्पेंड कर देती है, लेकिन कन्विक्शन नहीं, ऐसे मामले में चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि जो कोर्ट फैसला सुनाती है, वो दोषी को 3 साल से कम की सजा किसी भी मामले में जमानत दे देती है, आईपीसी की धारा 500 के अंतर्गत मानहानि के लिये 2 साल तक का सादा कारावास और जुर्माने का भा प्रावधान किया गया है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता है, तो उसे 2 साल का कारावास या जुर्माना, या फिर दोनों हो सकता है।

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