New Delhi, Apr 07 : पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी, फिर जयराम रमेश, इन दोनों के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जमकर हमला बोला है, वो लगातार राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं, वो सीधे उन पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं, राजनीति के बारे में समझ रखने वालों की मानें, तो सिंधिया ने बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से ऐसा करने के लिये कहा गया है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एमपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिंधिया को चुनावी मंच पर सक्रिय करने की रणनीति है।
दिग्गी राजा और सिंधिया के बीच सीधी लड़ाई
इस साल के आखिर में एमपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस चुनावी घमासान में सीधी लड़ाई ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा कांग्रेस नेता पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बीच माना जा रहा है, कांग्रेस में रहते हुए भी दोनों के बीच तनातनी देखी जा चुकी है, कहा ये भी जाता है कि दिग्विजय सिंह की वजह से ही सिंधिया ने कांग्रेस से खुद को अलग किया और बीजेपी में शामिल हो गये।
राहुल गांधी को लेकर क्या कहा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कांग्रेस के पास कोई विचारधारा नहीं बची है, इस कांग्रेस के पास सिर्फ एक विचारधारा बची है, जो देशद्रोही की है,
जयराम रमेश से भिड़े सिंधिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश तथा सिंधिया के बीच ट्विटर पर वाकयुद्ध देखने को मिला, रमेश ने ऐतिहासिक संदर्भों के हवाले से कहा कि सिंधिया राजघराने ने झांसी की रानी के साथ धोखा किया था, इस पर सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ मराठे-सिंधिया, पेशवा और झांसी के नेवालकर एक साथ लड़े थे, साथ ही उन्होने कहा कि कांग्रेस नेता को विभाजनकारी राजनीति नहीं करनी चाहिये। खास बात ये है कि जयराम रमेश ने खुद को सही साबित करने के लिये विनायक दामोदर सावरकर की किताब का हवाला दिया, तो वहीं सिंधिया ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरु की किताब का हवाला दिया, फिर रमेश ने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता के अंश को ट्वीट किया, अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी। इस पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा कि कविताएं कम और इतिहास ज्यादा पढें, नेहरु की किताब ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री में कहा गया है कि मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिये बने रहे। इसके बाद रमेश ने एक और ट्वीट किया, आपके नये भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब 1857 का स्वातंत्र समर में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे तथ अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है, इतिहास आप पढिये। इस पर ज्योतिरादित्य ने कहा कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की लिखी किताब ऑपरेशन रेड लोटस पढिये, पता चल जाएगा कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई से लेकर आज तक मराठा एक हैं।
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