New Delhi, Apr 17 : एनसीपी विधायक तथा महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार गठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ जा सकते हैं, एकनाथ शिंदे के विधायक अयोग्य घोषित हो सकते हैं, अजित पवार बीजेरी के साथ आएंगे, तो शिंदे अलग हो जाएंगे, ये वो बातें हैं जिनकी महाराष्ट्र की सियासी गलियारों में खूब चर्चा है, इन बातों की वजह से मौजूदा सरकार को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है, हालांकि तमाम दावों के बीच विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के सहयोगियों ने पार्टी में किसी भी प्रकार के बिखराव से इनकार किया है, फिर चाहे बात शरद पवार की हो, उनके भतीजे अजित पवार की हो, या फिर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं की हो, सभी ने इस बात को कोरी अफवाह ही बताया कि एनसीपी के कुछ नेता एमवीए गठबंधन से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
क्या सरकार गिर जाएगी
तमाम कयासों के बीच एक सवाल ये भी है कि क्या शिंदे गुट के विधायकों के अयोग्य होने पर बीजेपी गठबंधन वाली सरकार गिर जाएगी, क्या फिर से महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा शुरु होगा, क्यो फिर से रिजॉर्ट पॉलिटिक्स देखने को मिलेगी, इन सभी सवालों के जवाब को जानने के लिये वर्तमान सियासी स्थिति को जानना जरुरी हो जाता है। मौजूदा हालात में बीजेपी गठबंधनव के पास 165 विधायकों का समर्थन है, जिसमें बीजेपी 106, बीजेपी के सहयोगी निर्दलीय विधायक 6, एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायक शिंदे गुट को समर्थित निर्दलीय 10 विधायक तथा अन्य 3 शामिल हैं, 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिये 145 विधायकों के समर्थन की जरुरत होती है, ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहरा देता है, तो भी मौजूदा बीजेपी गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। 16 विधायकों के अयोग्य हो जाने से बहुमत का आंकड़ा भी कम हो जाएगा, इस स्थिति में बहुमत के लिये सिर्फ 137 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी, अयोग्यता वाली स्थिति में बीजेपी निर्दलीय विधायकों के साथ 115, शिंदे गुट निर्दलीय विधायकों के साथ 34, दोनों को मिलाकर 149 हो जाते हैं, जो कि बहुमत के आंकड़े से आगे हैं, ऐसे में बीजेपी-शिंदे गठजोड़ सरकार को कोई खतरा नहीं है।
अगर अजित पवार बीजेपी में आये तो
अजित पवार अगर बीजेपी के साथ आते हैं, तो ये तय माना जा रहा है कि शिंदे गुट उनसे गठबंधन तोड़ लेगा, शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने स्पष्ट कहा है कि अजित पवार या एनसीपी के साथ गठबंधन करना है या नहीं, ये तो बीजेपी को तय करना है, और ऐसा होता है, तो इसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं होगी,
शरद पवार भी नरम
हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने वीर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नसीहत दी थी, कि ये गैर जरुरी मुद्दा है, इसकी जगह और भी कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन्हें उठाया जा सकता है,
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