शनि देव की पूजा करते समय भूलकर भी ना करें ये 2 गलतियां, नहीं तो नाराजगी झेलना पड़ेगा

शनि की साढेसाती, ढैय्या महादशा से निजात पाने के लिये उनकी विधिवत पूजा करने के साथ ही उपाय करने का विधान है, शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिये हर शनिवार शनिदेव के मंदिर जाकर दर्शन करने के साथ-साथ सरसों का तेल अर्पित करने के साथ दीपक जलाएं।

New Delhi, May 26 : हिंदू पंचांग के मुताबिक सप्ताह का हर एक दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता है, शनिवार का दिन शनिदेव के लिये जाना जाता है, शास्त्रों में शनिदेव को कर्मफल दाता तथा न्याय का देवता कहा जाता है, क्योंकि वो व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ तथा अशुभ फल देते हैं, इसी कारण शनि की महादशा, शनि साढेसाती तथा ढैय्या में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वहीं अगर किसी व्यक्ति पर शनिदेव की दृष्टि शुभ है, तो उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ-साथ सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है, ज्योतिष के मुताबिक शनि ग्रह सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है, क्योंकि ये एक राशि में करीब ढाई साल रहते हैं, ऐसे में व्यक्ति को शारीरिक तथा मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इन बातों का रखें ध्यान
शनि की साढेसाती, ढैय्या महादशा से निजात पाने के लिये उनकी विधिवत पूजा करने के साथ ही उपाय करने का विधान है, शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिये हर शनिवार शनिदेव के मंदिर जाकर दर्शन करने के साथ-साथ सरसों का तेल अर्पित करने के साथ दीपक जलाएं, लेकिन कुछ ऐसी गलती भी कर देते हैं, जिसके कारण शनि देव गुस्सा हो जाते हैं, आइये जानते हैं कि वो कौन सी बातें हैं, जिन्हें शनिदेव के मंदिर जाते समय जरुरत ध्यान रखना चाहिये।

मंदिर के बाहर से सरसों का तेल खरीदना
शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करने के साथ-साथ दीपक जलाना शुभ माना जाता है, ऐसे में ज्यादातर लोग शनिवार के दिन ही मंदिर में जाकर बाहर से तेल तथा दीपक खरीद लेते हैं, शास्त्रों के मुताबिक ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिये, हमेशा एक दिन पहले शुक्रवार के दिन सरसों के तेल खरीद लेना चाहिये, फिर शनिवार के दिन इसे अर्पित करना चाहिये, माना जाता है कि घर में भी शनि का प्रभाव होता है, ऐसे में अगर आप घर में किसी चीज को लेकर शनिदेव पर चढाएंगे, तो घर में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, साथ ही ऐसा करने से शनिदेव की खास कृपा प्राप्त होती है।

शनि देव की मूर्ति को देखना
शास्त्रों में इस बात को अच्छी तरह से बताया गया है कि जब व्यक्ति पर शनिदेव की दृष्टि पड़ती है, उसके बुरे दिन शुरु हो जाते हैं, इसलिये शनिदेव के दर्शन करते समय कभी भी उनकी शक्ल नहीं देखनी चाहिये, हमेशा नजरें झुकाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिये, साथ ही हमेशा बैठकर जमीन में माथा लगाकर प्रणाम करना चाहिये, मान्यता है कि ऐसा करने से शनि की अशुभ दृष्टि पड़ जाती है।

(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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