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क्या हरियाणा में गिर जाएगी खट्टर सरकार?, जानिये क्या कहता है बहुमत का गणित?

मीटिंग हुई, चर्चा चली, तथा सियासी अटकलबाजियां शुरु हुई, जो जजपा नेता डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी खुलकर बोले, मीडिया के सवालों पर सवाल किया, उन्होने कहा कि मिलना-जुलना कोई अपराध है क्या, हमने कौन समर्थन छोड़ा है।

New Delhi, Jun 10 : शुक्रवार शाम हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब जब चंडीगढ के सीएम आवास संत कबीर कुटीर पहुंचे, तो हरियाणा के लेकर दिल्ली तक सियासी अटकलों का दौर शुरु हो गया है, हरियाणा की गठबंधन सरकार के बीच खटासा की खबरें, तथा पिछले दो दिनों से जारी मेल-मुलाकातों का ये तीसरा राउंड था, जिसने राजनीतिक गलियारों की धड़कनें बढा दी है, संत कबीर कुटीर में साम 7 बजे हुई सीएम मनोहर लाल खट्टर तथा प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब के बीच करीब 3 घंटे तक मीटिंग हुई, इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे, इसलिये माना जा रहा है कि सूरजमुखी की एमएसपी को लेकर चर्चा हुई होगी, लेकिन एक कयास ये भी है कि इस बैठक में गठबंधन सरकार को लेकर भी चर्चा हुई होगी।

हरियाणा की सियासी अटकलबाजियां
मीटिंग हुई, चर्चा चली, तथा सियासी अटकलबाजियां शुरु हुई, जो जजपा नेता डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी खुलकर बोले, मीडिया के सवालों पर सवाल किया, उन्होने कहा कि मिलना-जुलना कोई अपराध है क्या, हमने कौन समर्थन छोड़ा है, आपको बता दें कि कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की रही, उन्होने कहा कि बिप्लब देब हमेशा मिलते रहते हैं, वो निर्दलीय विधायकों से भी मिलते हैं, सबसे मुलाकात करते हैं।

दुष्यंत के बयान से अटकलें तेज
अटकलों का क्या है, वो तो समय-समय पर किसी भी गठबंधन सरकारों का हिस्सा रही है, हालांकि दुष्यंत के एक बयान ने अटकलों को तेज कर दिया, जिसमें उन्होने कहा था कि गठबंधन सरकार बनाकर कोई भी एक-दूसरे पर एहसान नहीं किया है, हालांकि दुष्यंत चौटाला को लगता है कि फिलहाल गठबंधन में कोई दरार नहीं है, वैसे तो गठबंधन सरकार को लेकर बयानबाजियां पिछले कई दिनों से जारी है, इसको तब और बल मिल गया, जब बीजेपी प्रदेश प्रभारी शुक्रवार को निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा से मिले, इसके 1 दिन पहले 4 निर्दलीय विधायकों से दिल्ली में मुलाकात की।

गठबंधन में मतभेद
हरियाणा में बीजेपी-जजपा गठबंधन की सरकार में मतभेद सामने आ चुके हैं, अब बीजेपी को गठबंधन तोड़ देना चाहिये, क्योंकि सभी निर्दलीय विधायक के साथ हैं, अब बिना गठबंधन से बीजेपी को फायदा होगा, इन विधायकों में रामपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान शामिल रहे, निर्दलीय विधायकों से घटती दूरी ने ही इस चर्चा को और हवा दे दी है, बीजेपी अंदरखाने सबकुछ सेट कर लेना चाहती है। दरअसल हरियाणा विधानसभा की मौजूदा स्थिति का आकलन करें, तो तस्वीरें कुछ इस तरह नजर आती है, विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि सहयोगी जेजेपी के 10 तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा हैं, इसी तरह कांग्रेस के 30 विधायक, इनेलो के 1, तथा निर्दलीय 7 विधायक हैं, हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, इस तरह बहुमत के लिये 46 सीटें चाहिये, लेकिन राहत की बात ये है कि बीजेपी तथा जजपा दोनों साफ कर चुकी है कि फिलहाल गठबंधन सरकार चलती रहेगी।

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