मजदूर की बात कौन करे ,भ्रष्टाचार ने तो आजाद भारत को ही कर दिया मजबूर-लाचार

Surender Kishore

मजदूर की बात कौन करे ,भ्रष्टाचार ने तो आजाद भारत को ही कर दिया मजबूर-लाचार

भ्रष्टाचार को जो बीज पड़ा था, वह आगे चलकर वट वृक्ष बन गया। अब भला वट वृक्ष के नीचे मजदूर नामक पौधे कैसे पनप सकते थे ? New Delhi, May…
अब मज़दूरों की घर वापसी जन-विद्रोह में तब्दील है, इन की व्यवस्था सेना के सुपुर्द हो

Dayanand Pandey

अब मज़दूरों की घर वापसी जन-विद्रोह में तब्दील है, इन की व्यवस्था सेना के सुपुर्द हो

तो क्या मोदी की अनुभवहीनता ने मज़दूरों को इस जन-विद्रोह के लिए उकसा दिया। शहरों से मज़दूरों के निरंतर पलायन को अभी भी मोदी सरकार क्यों नहीं थाम पाई। New…
जब आदमी को रोटी की चिंता नहीं होगी, तभी वो आपके संदेशों पर अमल कर पाएगा प्रधानमंत्री जी!

Tripty Shukla

जब आदमी को रोटी की चिंता नहीं होगी, तभी वो आपके संदेशों पर अमल कर पाएगा प्रधानमंत्री जी!

लॉकडाउन के पहले चरण में वो सबसे पहले शुरुआती कुछ दिनों में मजदूरों को उनके घर भेजते और बाद में लॉकडाउन पूरी तरह से लागू करते। New Delhi, May 18…
राष्ट्रीय प्रवासी मजदूर नीति निर्धारित करने की सख्त जरूरत

Surendra Kishore

राष्ट्रीय प्रवासी मजदूर नीति निर्धारित करने की सख्त जरूरत

परदेश में मजदूरों को उनकी तकदीर के हवाले कर दिया गया। अपवादों की बात और है। मजदूरों ने अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर आपके काम-धंधे चमकाने में मदद…