New Delhi Oct 11 : BSF के जवान रमजान पारे को लंबे वक्त बाद छुट्टियां मिली थीं। कश्मीर के बांदीपोरा के रहने वाले रमजान पारे ने कभी सोचा भी नहीं था कि रोजाना वो जिन आतंकियों का मुकाबला वर्दी पहनकर करते हैं छुट्टियों पर बिना वर्दी और बिना हथियार के वही आतंकी उस पर हमला कर देंगे। 27 सितंबर को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बांदीपोरा में ही बीएसएफ के जवान रमजान पारे की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लेकिन, अब इंडियन आर्मी के जवानों ने 15 दिन के भीतर ही उन्हीं आतंकियों से अपने शहीद साथी की शहादत का बदला ले लिया है। सुरक्षाबलों ने रमजान पारे की हत्या में शामिल लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया है। बांदीपोरा एनकाउंटर में सेना के दो जवान भी शहीद हो गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में बुधवार की सुबह से ही आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है। अब तक चले एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को मार गिराया गया है। दोनों की पहचान भी हो गई है। एक आतंकी की पहचान अली भाई के तौर पर की गई है। जो मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है। जबकि दूसरा आतंकी नसुरूल्लाह है। नसुरूल्लाह कश्मीर का ही रहने वाला है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये दोनों ही आतंकी बीएसएस जवान रमजान पारे की हत्या में शामिल थे। हालांकि इन दोनों ही आतंकियों के एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को अपने भी दो जवानों को खोना पड़ा। आतंकियों की गोली लगने से एयरफोर्स के गरूड के दो कमांडो इस एनकाउंटर में शहीद हो गए हैं।
गरूड़ के दोनों ही कमांडो इंडियन आर्मी के साथ ऑपरेशनल ट्रेनिंग ले रहे थे। सुरक्षाबलों और आतंकियों की ये मुठभेड़ बांदीपोरा के हाजिन इलाके में हुई। इस एनकाउंटर में 13 राष्ट्रीय रायफल्स के जवानों के अलावा सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के कमांडोज शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों को मंगलवार की रात ही हाजिन इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिल गई थी। जिसके फौरन बाद ही यहां पर ऑपरेशन लांच कर दिया गया था। पूरे इलाके में CASO लगा दिया गया था। आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग ना सकें इसके लिए इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया था और सुबह होने का इंतजार किया गया।
जैसे ही आतंकियों को इस बात की भनक लगी वो चारों ओर से घिर गए हैं उन्होंने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरु कर दी। आतंकियों की इस फायरिंग में गरूड के दो कमांडो शहीद हो गए। लेकिन, सुरक्षाबलों ने भी लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया। बांदीपोरा के हाजिन का ये एनकाउंटर अभी भी जारी है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि यहां पर कुल तीन से चार आतंकी छिपे हो सकते हैं। लश्कर के आतंकी अली भाई और नसुरूल्लाह के एनकाउंटर को रमजाने पारे को दी गई असली श्रद्धांजलि माना जा सकता है। बीते कुछ महीनों से कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बेहद ही आक्रामक तेवर अपना रखे हैं। इंडियन आर्मी कश्मीर से आतंक के खात्मे की कसम खा चुकी है। जो बेहद जरूरी भी है।
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