New Delhi, Jan 17: चुनावी अग्निपरीक्षा से गुजरने को तैयार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के लिए एक वीडियो शर्मिंदगी का कारण बन गया है, ये वीडियो कई सारे सवालों को आसमान की ऊंचाई तक पहुंचा रहा है, इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है, इनके बोझ तले दब कर आम आदमी पिस रहा है, लेकिन सरकारों पर कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। वीआईपी कल्चर को लेकर पहले भी कई बार चर्चा, बहस और विमर्श हो चुका है, इसके खिला तो सभी हैं लेकिन ये देश की रगों में बस गया है, इतनी आसानी से नहीं निकलने वाला है। वीआईपी होना अपने आप में एक नशा है, इस नशे का शिकार वीआईपी तो होता ही है, पुलिस वाले भी इसके खुमार में होते हैं।
पुलिस को इस बात का घमंड होता है कि वो वीआईपी की सुरक्षा में तैनात है, तो आम जनता से किसी भी तरह से बात कर सकती है, वीआईपी मूवमेंट के दौरान जनता को रोकने के लिए पुलिस वाले क्या करते हैं ये हाल ही में दिल्ली में देखने को मिला था, जब पुलिस वाले ने सवाल पूछने पर एक शख्स को थप्पड़ मार दिया था. लेकिन कर्नाटक में जो हुआ है वो तो मानवता की सीमाओं के पार है, कोई ऐसा कैसे कर सकता है, चिकमंगलूर में एक मंदिर है श्रंगेरी शारदंबा मंदिर, इस मंदिर में दर्शन और पूजा करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का परिवार आया हुआ था। मंदिर में पूर्व पीएम का परिवार आया है तो सुरक्षा के इंतजाम तो करने ही थे।
वीआईपी लोग मंदिरों में लाइन लगाकर दर्शन नहीं करते हैं, वो भगवान से सीधे बात करते हैं, लाइन भगवान के लिए लाइन में लगना उनकी शान के खिलाफ है, उनका बस चले तो वो भगवान को मंदिर से निकाल कर अपने दर्शन करने के लिए बुलावा भेज दें। बहरहाल, मंदिर के अंदर एक बुजुर्ग जाने की कोशिश कर रहे थे, वो बुजुर्ग कर्नाटक पुलिस को किसी आतंकी की तरह दिखाई दिया, खास तौर पर एक कॉन्सटेबल को, जो वीआईपी ड्यूटी को बहुत गंभीरता से निभा रहा था, पूर्व पीएम के परिवार के सामने एक साधारण बुजुर्ग की क्या हैसियत है, लिहाजा उसे मंदिर में जाने की इजाजत कैसे मिल गई, पुलिस वाले ने उसका गिरेबान पकड़ा और घसीटते हुए मंदिर के बाहर फेंक दिया।
जैसे बोरी को घसीटते हैं , उस पुलिस वाले नें बुजुर्ग को ठीक उसी तरह से घसीटा और मंदिर के बाहर कर दिया, ये वीडियो देख कर शर्म आती है, गुस्सा तो हर बात पर आता ही है, मगर शर्म आने लगे तो समझ जाइए कि आपके अंदर थोड़ी संवेदना और भावना बची है। उस पुलिस वाले को सस्पेंड कर दिया गया है, मगर ये घटना उस बुजुर्ग के मानस पटल पर हमेशा के लिए अंकित हो गई होगी, एक भक्त को भगवान से इतनी क्रूरता से दूर तो रावण ने भी नहीं किया होगा। सोशल मीडिया जहां से ये चिंगारी निकली थी, वहां पर तो घमासान मचा हुआ है. पुलिस वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग के साथ साथ वीआईपी इंतजाम को बंद करने की मांग हो रही है, अब आम जनता मांग कर रही है तो इस से वीआईपी कानों तक आवाज नहीं जाएगी, कोई नई घटना सामने आ जाएगी, इसे भूल कर नई मांगों के साथ हम नए सिरे से शर्मिंदा होने की तैयारी कर लेंगे।
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