New Delhi, Mar 01 : कहते हैं तप के सोना निकलता है। समाज का एक सोना राहुल द्रविड़ भी दिनों-दिन उसी तरह तप कर खुद को निखार रहा है। पूरी जिंदगी परदे के पीछे एक लर्नर की तरह खेला, बिना कुछ मांगे। स्टॉरडम नहीं मिली जिसका हकदार था। कभी शिकायत नहीं की। “नाइस गाई कम्स सेंकेंड” कहानी के किरदार की तरह।
ऐसे समय में जब बड़े बड़े सुपरस्टार को चंद रुपये की टैक्स रिलीफ के लिए फर्जी कहानी गढ़ते दिखे, किसान बनते देखा है,
राहुल ने इनाम इस तर्क से ठुकाराया कि चूंकि कोचिंग में वह अकेले नहीं थे, अत: जो मिले, वह सबके लिए समान मिले। बाकी सपोर्ट स्टॉफ को 5 लाख मिला था।
राहुल के बारे में सही ही कहा जाता है- एक ही दिल है, कितनी बार लोगे। कहते हैं न- अपने लिये जिये तो क्या जिये। इस शख्स ने हमेशा दिया ही है।
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