New Delhi, Mar 11 : कोनराड संगमा जब मेघालय के मुख्य मंत्री बने तो एक अखबार ने उस खबर की हेडिंग लगाई — ‘अ चीफ मिनिस्टर बाई चांस।’ पी.वी.नरसिंह 1991 में जब प्रधान मंत्री बने थे तो उस समय भी यह कहा गया कि वे बाई चांस बन गए। विप्लव कुमार देव जब त्रिपुरा के मुख्य मंत्री बन रहे हैं तो यह कहा गया कि वे काम के बल पर बन रहे हैं।
राजस्थान की मुख्य मंत्री के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि वह एक खास परिवार की होने के कारण मुख्य मंत्री हैं।
दरअसल भारत विविधताओं का देश है।
यहां की लोकतांत्रिक परंपरा भी विविधतापूर्ण रही है। एक खास परंपरा भी चल पड़ी है।
यदि किसी उद्यमी का निजी कारखाना हो और उसमें लगातार घाटा हो रहा हो, तो भी वह उस कारखाने को किसी अन्य व्यक्ति को दान तो नहीं कर देगा !
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