New Delhi, Nov 24 : टीम इंडिया के तत्कालीन कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने शानदार सिक्स लगाकर 2011 में भारतीय टीम को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाया था। आईसीसी विश्वकप के फाइनल मुकाबले में माही ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी, जिसकी वजह से भारतीय टीम आसानी से जीत सकी थी, हालांकि 2011 विश्वकप में युवराज सिंह बेहतरीन फॉर्म में थे, वो गेंद और बल्ले से लाजबाव प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन फाईनल में धोनी ने खुद को प्रमोट करते हुए युवी से पहले बल्लेबाजी करने आ गये थे, उनके इस फैसले से कई क्रिकेट फैंस हैरान थे, धोनी ने ऐसा क्यों किया था, इस बात को लेकर उन्होने खुलासा किया है।
धोनी ने राज से उठाया पर्दा
फाइनल मुकाबले में धोनी ने 79 गेंदों में नाबाद 91 रनों की तेज-तर्रार पारी खेली थी, उन्होने खुद को प्रमोट करने के फैसले को सही साबित किया था।
मुरलीधरन थे वजह
माही ने कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिये कई श्रीलंकन गेंदबाज खेल चुके थे, उन्हें लग रहा था कि अगर मुथैया मुरलीधरन को विकेट दिया गया,
मुझे लगा कि मुरलीधरन का सामना कर सकता हूं
पूर्व कप्तान ने कहा कि ऐसे हालात में तब मुझे लगा था कि दूसरे बल्लेबाजों की तुलना में मैं मुरलीधरन की गेंदों को बेहतर तरीके से खेल सकूंगा,
फॉर्म की तलाश में माही
टीम इंडिया को आईसीसी के तीनों बड़ी ट्रॉफी दिलाने वाले धोनी इन दिनों टी-20 टीम से बाहर हैं, पिछले कुछ समय से उनका बल्ला रन नहीं बना रहा था,
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