New Delhi, Nov 25 : दिल्ली से बाहर हरियाणा में समालखा के पास शुरू हो गया है संत निरंकारी मिशन का 71वां वार्षिक समागम । ये पहला मौका है जब समागम दिल्ल्ी से बाहर हो रहा है । संत निरंकारी मिशन की छठवीं गुरू के रूप में गुरु गद्दी पर छठी सतगुरु के रूप में माता सुदीक्षा जी महाराज का यह पहला समागम है। माता सुदीक्षा के कौन हैं, गुरु गद्दी पर बैठने से पहले उनकी जिंदगी कैसी थी । उन्हें कब सदगुरु की गद्दी पर बैठाया गया, आगे जानिए उनके बारे में पूरी जानकारी ।
33 साल की हैं माता सुदीक्षा जी
माता सुदीक्षा बाबा हरदेव सिंह की 3 बेटियों में सबसे छोटी हैं। 33 साल 8 माह की सुदीक्षा का जन्म 13 मार्च 1985 को दिल्ली की निरंकारी
कार दुर्घटना के बाद बदली जिंदगी
3 मई, 2016 को कनाडा में कार दुर्घटना में पिता हरदेव की मृत्यु के बाद सुदीक्षा की माता सविंदर ने 5वीं सदगुरु की जिम्मेदारी संभाली थी ।
समालखा में लगा है बड़ा पंडाल
सतगुरु सुदीक्षा के पहले समागम के लिए बड़े पैमाने पर तैयारिया की गई हैं । इसके लिए 80 एकड़ में पंडाल लगाया है । 24 से 26 नवंबर तक
27 देशों में निरंकारी मिशन के श्रद्धालु
1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी । इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है । अभी की बात करें तो संत निरंकारी मिशन की सम्पत्ति
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