माता सुदीक्षा के पहले समागम में उमड़े 70 देशों के 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, गुरु गद्दी पर बैठने से पहले ऐसी थी लाइफ

संत निरंकारी मिशन का 71वां वार्षिक समागम शुरू हो गया है । इस बार पहली बार गुरु गद्दी पर बैठीं मां सुदीक्षा समागम को संचालित कर रही हैं  । जानिए कौन हैं सुदीक्षा और कैसी थी उनकी पहले की जिंदगी ।

New Delhi, Nov 25 : दिल्ली से बाहर हरियाणा में समालखा के पास शुरू हो गया है संत निरंकारी मिशन का 71वां वार्षिक समागम । ये पहला मौका है जब समागम दिल्‍ल्‍ी से बाहर हो रहा है । संत निरंकारी मिशन की छठवीं गुरू के रूप में गुरु गद्दी पर छठी सतगुरु के रूप में माता सुदीक्षा जी महाराज का यह पहला समागम है। माता सुदीक्षा के कौन हैं, गुरु गद्दी पर बैठने से पहले उनकी जिंदगी कैसी थी । उन्‍हें कब सदगुरु की गद्दी पर बैठाया गया, आगे जानिए उनके बारे में पूरी जानकारी ।

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33 साल की हैं माता सुदीक्षा जी
माता सुदीक्षा बाबा हरदेव सिंह की 3 बेटियों में सबसे छोटी हैं। 33 साल 8 माह की सुदीक्षा का जन्म 13 मार्च 1985 को दिल्ली की निरंकारी कॉलोनी में हुआ। वे 36 साल तक मिशन के चौथे सतगुरु रहे बाबा हरदेव सिंह की सबसे लाडली बेटी हैं । 12 साल से ही सुदीक्षा पिता के साथ समागमों में जाने लग गई थीं । उन्‍हाने 2007 में मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया है ।

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कार दुर्घटना के बाद बदली जिंदगी
3 मई, 2016 को कनाडा में कार दुर्घटना में पिता हरदेव की मृत्यु के बाद सुदीक्षा की माता सविंदर ने 5वीं सदगुरु की जिम्मेदारी संभाली थी । लेकिन सेहत ठीक ना होने के कारण उन्‍होने अपनी गद्दी बेटी को सौंप दी । 16 जुलाई, 2018 को माता सविंदर ने सुदीक्षा को निरंकारी सतगुरु घोषित कर दिया । 20 दिन बाद ही माता सविंदर का निधन हो गया । जिसके बाद सुदीक्षा ने पूरी तरह से मिशन की जिम्‍मेदारी उठा ली ।

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समालखा में लगा है बड़ा पंडाल
सतगुरु सुदीक्षा के पहले समागम के लिए बड़े पैमाने पर तैयारिया की गई हैं । इसके लिए 80 एकड़ में पंडाल लगाया है । 24 से 26 नवंबर तक चलने वाले समागम में 70 देशों से 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा है। अभी तक 5 लाख के करीब श्रद्धालु पहुंच चुके हैं । गुरुवार को समागम की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे ।

27 देशों में निरंकारी मिशन के श्रद्धालु
1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी । इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है । अभी की बात करें तो संत निरंकारी मिशन की सम्पत्ति अरबों में है। अकेले भारत में ही तकरीबन हर राज्यों में इसके लाखों अनुयायी हैं । माता सुदीक्षा जी के पिता बाबा हरदेव सिंह को पूरे विश्व में मानवता की शांति के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उनके आकस्मिक निधन ने उनके श्रद्धालुओं को गहरा सदमा दिया था । इस हादसे में उनके एक दामाद की भी मृत्‍यु हो गई थी ।