New Delhi, Dec 27 : पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साल 2012 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिये तैयार थे, लेकिन कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों की ओर से समर्थन ना मिलता देख उन्होने खुद को रेस से हटा लिया, एक नई किताब में दावा किया गया है कि अब्दुल कलाम साल 2012 में बीजेपी और टीएमसी के समर्थन से राष्ट्रपति पद की रेस में दोबारा शामिल होना चाह रहे थे।
प्रणब मुखर्जी को चुना गया था राष्ट्रपति
जब अब्दुल कलाम ने खुद को रेस से बाहर कर लिया, तो बीजेपी ने संगमा पर दांव लगाया, लेकिन बहुमत कांग्रेस के साथ होने की वजह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
किताब से खुलासा
इतिहासकार राजमोहन गांधी ने अपनी नई किताब मॉडर्न साउथ इंडिया- ए हिस्ट्री फ्रॉम दि सेवेन्टीन्थ सेंचुरी टु आवर टाइम्स में लिखा है कि
राष्ट्रपति का दूसरा कार्यकाल
राजमोहन गांधी ने लिखा है कि बीजेपी और टीएमसी समेत कुछ राजनीतिक पार्टियों ने साल 2012 में अब्दुल कलाम के सामने राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल का प्रस्ताव रखा था,
जनता के राष्ट्रपति
गांधी ने अपनी किताब में ये भी लिखा है कि समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साल 2002 में केआर नारायणन की जगह लेने के लिये
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