दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिये तैयार थे  अब्दुल कलाम, लेकिन इस वजह से हट गये थे पीछे

बीजेपी और टीएमसी समेत कुछ राजनीतिक पार्टियों ने साल 2012 में अब्दुल कलाम के सामने राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल का प्रस्ताव रखा था।

New Delhi, Dec 27 : पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साल 2012 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिये तैयार थे, लेकिन कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों की ओर से समर्थन ना मिलता देख उन्होने खुद को रेस से हटा लिया, एक नई किताब में दावा किया गया है कि अब्दुल कलाम साल 2012 में बीजेपी और टीएमसी के समर्थन से राष्ट्रपति पद की रेस में दोबारा शामिल होना चाह रहे थे।

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प्रणब मुखर्जी को चुना गया था राष्ट्रपति
जब अब्दुल कलाम ने खुद को रेस से बाहर कर लिया, तो बीजेपी ने संगमा पर दांव लगाया, लेकिन बहुमत कांग्रेस के साथ होने की वजह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी को देश का 13वां राष्ट्रपति चुना गया था, उन्होने प्रतिभा पाटिल की जगह ली थी, प्रतिभा पाटिल साल 2007 से 2012 तक राष्ट्रपति पद पर रहीं।

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किताब से खुलासा
इतिहासकार राजमोहन गांधी ने अपनी नई किताब मॉडर्न साउथ इंडिया- ए हिस्ट्री फ्रॉम दि सेवेन्टीन्थ सेंचुरी टु आवर टाइम्स में लिखा है कि साल 2007 में राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भारत की पुरातन संस्कृति के प्रति पूर्व राष्ट्रपति का उत्साह, कुछ हिंदू धार्मिक संगठनों के नेताओं की खुले दिल से की गई तारीफ और देश के रक्षा क्षेत्र के लिये किये गये उनके पहले के कामों ने उन्हें हिंदू भारत का पसंदीदा मुस्लिम बना दिया।

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राष्ट्रपति का दूसरा कार्यकाल
राजमोहन गांधी ने लिखा है कि बीजेपी और टीएमसी समेत कुछ राजनीतिक पार्टियों ने साल 2012 में अब्दुल कलाम के सामने राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल का प्रस्ताव रखा था, जिसके लिये वो तैयार भी हो गये थे, लेकिन कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों को ये विचार पसंद नहीं आया, संख्या बल ना हो ने की वजह से कलाम ने इस रेस से खुद को बाहर कर लिया।

जनता के राष्ट्रपति
गांधी ने अपनी किताब में ये भी लिखा है कि समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साल 2002 में केआर नारायणन की जगह लेने के लिये अब्दुल कलाम के नाम का प्रस्ताव रखा था, मुलायम देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में रक्षा मंत्री के तौर पर काम कर चुके थे, उन्होने अपने मातहत डीआरडीओ प्रमुख के तौर पर काम कर चुके अब्दुल कलाम से अच्छी तरह परीचित थे।