Categories: सियासत

आरक्षण बिल- नरसिम्हा राव के फैसले को किया था फेल, अब मोदी का रोक सकती है रास्ता, दे रही हैं ये तर्क

एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से सामान्य कैटेगरी के योग्य उम्मीदवारों को नुकसान होगा।

New Delhi, Jan 10 : केन्द्र सरकार आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों के लिये दस फीसदी आरक्षण देने जा रही है, इसके लिये सरकार कानून में संसोधन करने जा रही है, फिलहाल स्थिति ये है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह संशोधन बिल पास हो चुका है, अब कयास लगाये जा रहे हैं कि साल 1992 में नरसिम्हा राव सरकार के सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली इंद्रा साहने कहीं मोदी सरकार की कवायद पर भी अडंगा ना डाल दे।

आरक्षण के खिलाफ गई थी सुप्रीम कोर्ट
साल 1992 में इंद्रा साहने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवर्णों को आरक्षण देने की कोशिश पर विराम लगा दिया था, साथ ही कोर्ट ने तय किया था कि जातिगत आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी हो सकती है, अब मोदी सरकार संविधान संशोधन कर इसे 60 फीसदी करने जा रही है।

योग्य सवर्णों को नुकसान
एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से सामान्य कैटेगरी के योग्य उम्मीदवारों को नुकसान होगा, क्योंकि अब उनके लिये सिर्फ 40 फीसदी सीट रह जाएगी, इस बिल को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, उन्होने कहा कि मुझे इस पर सोचने दें, फिर इस पर फैसला करेंगे, इस बिल से आरक्षण की सीमा 60 प्रतिशत हो जाएगी, जिससे सवर्ण योग्य उम्मीदवार पीछे छूट जाएंगे, इसलिये संशोधन को खारिज कर दिया जाएगा।

1992 में खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
साल 1992 में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार के द्वारा सवर्णों को दिये गये आरक्षण के फैसले को याद करते हुए उन्होने बताया कि दिल्ली के झंडेवालान एक्सटेंशन से गुजरते हुए उन्होने एक विरोध प्रदर्शन वाली रैली को देखा था, जिसके बाद उन्हें याचिका डालने का विचार आया, उन्होने कहा कि रैली चल रही थी, मैंने वहां बच्चों को देखा, वो स्कूल-कॉलेज के छात्र सड़क पर थे, मैंने 2 दिन के भीतर ही याचिका डाल दी थी, तब सोचा नहीं था कि मामला इतने लंबे समय तक चलेगा।

नौ जजों की बेंच ने की सुनवाई
उन्होने बताया कि जस्टिस वेंकटचलैया की बेंच द्वारा फैसला दिये जाने से पहले कई बेंचों से होकर ये मामला गुजरा था, मीडिया कोर्ट की सभी कार्यवाहियों की जोरदार रिपोर्टिंग कर रहा था, पहले दो जजों के बेंच ने सुनवाई की, फिर तीन जजों के बेंच के पास मामला पहुंचा, इसके बाद पांच, सात और फिर 9 जजों के बेंच ने सुनवाई की।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago