New Delhi, Jan 10 : सूर्य का मकर राशि में गोचर मकर संक्रांति कहलाता है, हिंदुओं के लिए ये पर्व नव वर्ष के आगमन के रूप में मनाया जाता है । इस दिन सूर्य उपासना और सूर्य से जुड़ी वस्तुओं को घर में लाने से लाभ होता है । ज्योतिष जानकारों के अनुसार साल 2012 और 2016 के बाद इस बार भी 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी, क्योंकि वैदिक ज्योतिष में संक्रांति का अर्थ ही सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना है। जब सूर्य चक्र के दौरान धनु राशि से मकर या दक्षिणायन से उत्तरायण होते है तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार 14 जनवरी की शाम 7 बजकर 52 मिनट से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस कारण कई श्रद्धालु 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति मनाएंगे।
मकर संक्राति पर दान-पुण्य और स्नान का विशेष लाभ
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को 11.52 बजे तक है ।
स्नान का विशेष महत्व
ज्योतिष और धर्म के जानकारों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान का विशेष महत्व है । यदि
मकर संक्रांति से जुड़ी कथाएं
ग्रह-नक्षत्रों और तिथि गणना के अनुसार पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य
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