दुनिया भर में मशहूर ‘डोसा किंग’ आजीवन काटेगा कारावास, एकतरफा इश्क ने कर दिया सब कुछ तबाह
कुछ समय बाद खुद संतकुमार पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में पहुंचा और अपने किडनैप से लेकर अन्य ज्यादतियों के बारे में बताया । पुलिस ने मामले को गभीरता से नहीं लिया और 6 दिन बाद ही संतकुमार का फिर से अपहरण हो गया ।
New Delhi, Jul 09 : सर्वणा भवन, साउथ इंडियन फूड की मशहूर चेन का मलिक पी राजागोपाल अब आजीवन कारावास की सजा काअेगा । राजागोपाल की याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी । इससे पहले सोमवार का उसने अदालत से रहम मांगी थी । अर्जी में उसने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया था । वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषी करार दिए जा चुके राजागोपाल को 7 जुलाई से पहले ही आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था । दरअसल साल 2001 में प्रिंस संतकुमार नाम के युवक के अपहरण और हत्या के मामले में कोर्ट ने राजागोपाल को दोषी ठहराते हुए आजीवन जेल की सजा सुनाई थी ।
कर्मचारी की बेटी पर आ गया था दिल
सर्वणा भवन के मालिक की ये कहानी सुन आपका दिल भी दहल जाए, किस तरह एक तरफाइश्क की आग ने इस मशहूर शख्स का सब कुछ बर्बाद कर दिया । दरअसल ‘डोसा किंग’ राजागोपाल आज से 18 साल पहले अपनी ही एक कर्मचारी की बेटी को दिल दे बैठा, वो पहले से शादीशुदा था, एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार । वहीं युवती भी पहले से शादीशुदा थी, लेकिन राजागोपा ने उससे तीसरी शादी करने का मन बना दिया ।
युवती के पति का अपहरण फिर हत्या
राजागोपाल ने युवती को शादी का प्रस्ताव भेजा, लेकिन शादीशुदा होने के कारण उसने ये प्रस्ताव ठुकरा दिया । लेकिन ‘डोसा किंग’ नहीं माना, उसने इस बीच उसके पति के साथ उसे रिश्ता तोड़ने को कहा । युवती को उपहार, ऊंची कीमतों के जेवरात आदि भिजवाता रहा । लेकिन जब युवक संतकुमार ने अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ने से मना कर दिया तो राजागोपाल ने उसका अपहरण करावा दिया । उसके खिलाफ पुलिस में जाने की हिममत किसी में नहीं हुई । कुछ समय बाद खुद संतकुमार पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में पहुंचा और अपने किडनैप से लेकर अन्य ज्यादतियों के बारे में बताया । पुलिस ने मामले को गभीरता से नहीं लिया और 6 दिन बाद ही संतकुमार का फिर से अपहरण हो गया । इस बीच युवती पर उससे शादी का दबाव बनाया गया । जब युवती ने मना कर दिया तो संतकुमार को मारकर उसका शव काडाइकोनाल के टाइगर चोला के जंगलों में मिला ।
युवती पहुंची कोर्ट
पति की हत्या से नाराज युवती ने ‘डोसा किंग’ राजागोपाल के खिलाफ कोर्ट जाने की हिममत की । राजागोपाल को आरोपी बनाकर मामला चलाया गया, 23 नवंबर को ही राजागोपाल ने भी आत्मसमर्पण कर दिया । लेकिन उसे कमजोर केस के कारण 15 जुलाई 2003 को जमानत मिल गई । इसके बाद युवती और उसके परिजनों ने फिर से जंग शुरू की, साल 2004 में चेन्नई की एक विशेष अदालत ने राजागोपाल समेत 5 अन्य लोगों को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई । जहां से मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुंचने पर 2009 में हाईकोर्ट ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई । साथ ही 55 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया । मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सवर्णा भवन का मालिक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां इसी याल मार्च में हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे 7 जुलाई तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था ।
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