New Delhi, Dec 21 : एनआरसी और सीएए के बाद अब मोदी सरकार एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली दर्ज किया जाएगा, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने हाल ही में कहा था कि असम के अलावा पूरे देश में एनपीआर का काम शुरु किया जाएगा, एनपीआर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देश भर में घर-घर जाकर जनगणना की जाएगी।
प्रत्येक नागरिक की जानकारी
एनपीआर में प्रत्येक नागरिक की जानकारी रखी जाएगी, ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है,
कैसे होगा सर्वे
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रिया होगी, पहले चरण में अगले साल 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर के बीच केन्द्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़ें जुटाएंगे,
कैसे शुरु हुई थी जनगणना
भारत सरकार ने अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 के दौरान जनगणना 2011 के लिये घर-घर जाकर सूची तैयार करने तथा प्रत्येक घर की जनगणना के चरण में देश के सभी सामान्य निवासियों के संबंध में विशिष्ट सूचना जमा करके इस डेटाबेस को तैयार करने का कार्य शुरु किया था।
क्या है उद्देश्य
एनपीआर का उद्देश्य इस प्रकार है, सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके,
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