CAA-NRC के बाद NPR की बारी, जल्द ला सकती है मोदी सरकार, इस बारे में जान लीजिए सब कुछ

एनपीआर में प्रत्येक नागरिक की जानकारी रखी जाएगी, ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है।

New Delhi, Dec 21 : एनआरसी और सीएए के बाद अब मोदी सरकार एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली दर्ज किया जाएगा, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने हाल ही में कहा था कि असम के अलावा पूरे देश में एनपीआर का काम शुरु किया जाएगा, एनपीआर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देश भर में घर-घर जाकर जनगणना की जाएगी।

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प्रत्येक नागरिक की जानकारी
एनपीआर में प्रत्येक नागरिक की जानकारी रखी जाएगी, ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है, मालूम हो कि कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे ज्यादा सम. से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है, उसे एनपीआर में अनिवार्य रुप से पंजीकरण कराना होता है।

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कैसे होगा सर्वे
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रिया होगी, पहले चरण में अगले साल 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर के बीच केन्द्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़ें जुटाएंगे, फिर दूसरे चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा किया जाएगा, तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी।

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कैसे शुरु हुई थी जनगणना
भारत सरकार ने अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 के दौरान जनगणना 2011 के लिये घर-घर जाकर सूची तैयार करने तथा प्रत्येक घर की जनगणना के चरण में देश के सभी सामान्य निवासियों के संबंध में विशिष्ट सूचना जमा करके इस डेटाबेस को तैयार करने का कार्य शुरु किया था। आजादी के बाद साल 1951 में पहली जनगणना हुई थी, 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक सात बार हो चुकी है, 2011 में जनगणना के आंकड़ें उपलब्ध हैं और 2021 पर काम जारी है, बायोमेट्रिक डाटा में नागरिकता का अंगूठे का निशान या अन्य जानकारी शामिल होगी।

क्या है उद्देश्य
एनपीआर का उद्देश्य इस प्रकार है, सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके, एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके, और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके, देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके।